नई दिल्ली: यह सर्वविदित है कि पॉलीथीन की थैलियों का बेतहाशा इस्तेमाल राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की समस्या में योगदान देने वाले कारकों में से एक है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने अनेक अवसरों पर दिल्ली में प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगाने का प्रयास किया है। हालांकि इन प्लास्टिक की थैलियों का सामान्य तौर पर इस्तेमाल निरंतर जारी है।
दिल्ली वासियों के पास अब इस बात का विकल्प होगा और वे पर्यावरण के अनुकूल, स्वाभाविक तरीके से सड़नशील और किफायती जूट के थैलों का उपयोग करते हुए प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल बंद कर सकें। मदर डेयरी, राष्ट्रीय जूट बोर्ड (एनजेबी) और बर्ड्स जूट एंड एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (बीजेईएल) ने दिल्ली- एनसीआर में हजार के लगभग मदर डेयरी/सफल दुकानों पर आकर्षक, जूट के थैले उपलब्ध कराने संबंधी इस हरित उद्यम के लिए हाथ मिलाया है।
इस उद्यम को एनजेबी द्वारा प्रोत्साहन दिया जा रहा है, थैलों का निर्माण बीजेईएल द्वारा किया जा रहा है और इन्हें मदर डेयरी को सप्लाई किया जा रहा है, ताकि उसके बूथ के माध्यम से उन्हें वितरित किया जा सके। इस योजना का औपचारिक शुभारम्भ आज यानी 19 अप्रैल, 2016 को केंद्रीय वस्त्र मंत्री श्री संतोष कुमार गंगवार ने किया।
इस योजना के माध्यम से लोग अपनी रोजमर्रा की जरूरत की खान-पान की सामग्री पर्यावरण के अनुकूल, आकर्षक, किफायती जूट के थैले खरीदने के विकल्प सहित मदर डेयरी और सफल के विश्वसनीय बूथों से खरीद सकते हैं। 25 रुपये से 35 रुपये की कीमत में उपलब्ध ये थैले मजूबत हैं, इन्हें धोया जा सकता है, और इनका कई बार इस्तेमाल संभव है, जो इन्हें किफायती बनाता है।
मदर डेयरी और सफल के बूथों पर ये थैले वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम बर्ड्स जूट एंड एक्सपोर्ट लिमिटेड (बीजेईएल) द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे हैं।
वस्त्र मंत्री ने 1 सितम्बर 2015 को कोलकाता में सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) योजना का शुभारम्भ किया था। यह राष्ट्रीय जूट बोर्ड की योजना है, जिसके अंतर्गत 5 सीएफसी स्थापित किए जाने हैं। पांच सीएफसी में से दो सीएफसी हुगली और 24 परगना में बीजेईएल द्वारा संचालित किए जा रह हैं, जिनके अंतर्गत विविध महिला स्व सहायता समूह (डब्ल्यूएसएच), सूक्ष्म उद्यमी जूट के विविध उत्पादों का निर्माण करते हैं। मदर डेयरी पर उपलब्ध कराये जाने वाले जूट के थैले ऐसे डब्ल्यूएसएचजी को नियमित बाजार और आजीविका का स्थायी जरिया उपलब्ध कराएंगे।
मदर डेयरी ने 20,000 जूट के थैलों का शुरूआती ऑर्डर दिया है, इनमें से मदर डेयरी और सफल दोनों में से प्रत्येक को 10,000 जूट के थैले उपलब्ध होंगे। दिल्ली/एनसीआर के वासियों की प्रतिक्रिया के आधार पर आगे भी और ऑर्डर दिए जाएंगे। बीजेईएल द्वारा ये थैले निर्माण पर आई लागत वाले मूल्य पर ही आपूर्ति किए जा रहे हैं, भविष्य में अर्जित किया जाने वाला कोई भी मुनाफा कारीगरों और डब्ल्यूएसएचजी के सदस्यों तक पहुंचा दिया जाएगा।
इस अवसर पर श्री गंगवार ने दिल्ली वासियों से जूट के थैले का चयन करके समझदारी भरा विकल्प चुनने का अनुरोध किया। ये थैले अब उनके नजदीकी मदर डेयरी और सफल के बूथों पर उपलब्ध हैं। इस पहल के शुभारम्भ के अवसर पर वस्त्र मंत्रालय में सचिव, श्रीमती रश्मि वर्मा और मदर डेयरी फल एवं सब्जी प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री नागराजन शिवरामकृष्णन भी उपस्थित थे।