नई दिल्ली: केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने आज सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के अधीन डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के मधावी छात्रों को डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय मेधा पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में राज्यमंत्री श्री कृष्णपाल गुर्जर, श्री विजय सांपला और डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन के संयुक्त सचिव एवं सदस्य सचिव सुश्री रश्मि चौधरी भी मौजूद थीं।
पुरस्कृत छात्रों को सम्बोधित करते हुए श्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि 27 छात्रों ने अपनी परीक्षाओं में 99 फीसदी और बहुत सारे छात्रों ने 90 फीसदी से अधिक अंक अर्जित किए हैं। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम में खेल और शारीरिक गतिविधियां भी शामिल की जानी चाहिए क्योंकि खेल गतिविधियों से मनुष्य अनुशासित बनता है। उन्होंने कहा कि आज प्रदान किए गए राष्ट्रीय मेधा पुरस्कारों से अन्य छात्रों में बेहतर प्रदर्शन करने का उत्साह बढ़ेगा। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यह संस्था डॉ. अम्बेडकर के सिद्धांतों और संदेशों को लोगों के बीच फैलाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम और गतिविधियां चला रही है।
डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन की स्थापना 24 मार्च, 1992 में की गई थी और केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। पुरस्कार योजना वर्ष 2002-03 में शुरू की गई थी और डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन दसवीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अनुजाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों की पहचान करता है। डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन 12वीं कक्षा के सभी विषयों यथा विज्ञान, मानविकी, वाणिज्य में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों का चयन करता है। फाउंडेशन सभी 29 केन्द्र /राज्यों बोर्डों से इस बारे में जानकारी प्राप्त करता है।
डॉ. अम्बेडकर राष्ट्रीय मेधा पुरस्कार-2017 के लिए वर्ष 2017 में देश के सभी 29 बोर्डों/परिषदों से 10वीं कक्षा से 336 और बारहवीं कक्षा से 529 छात्रों का पुरस्कार के लिए चयन किया गया। इनमें से दसवीं के 104 और बारहवीं के 84 छात्रों ने पुरस्कार समारोह में हिस्सा लिया।
योजना के तहत मेधा प्रमाण पत्र, डॉ. अम्बेडकर पर किताबें और भारतीय संविधान की एक प्रति के अलावा अपने-अपने वर्ग में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल करने वाले छात्रों को क्रमश: 60,000, 50,000 और 40,000 रुपये की नकद राशि दी जाती है। यदि विजेताओं की सूची में किसी छात्रा का नाम शामिल नहीं हो तो अधिकतम अंक हासिल करने वाली छात्राओं को नकद 40,000 रुपये दिए जाते है। इसके अलावा प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान हासिल करने वाले छात्रों के अर्जित अंकों के बाद अधिकतम अंक हासिल करने वाले 250 एससी/एसटी छात्रों को विशेष मेधा पुरस्कार के रूप में 10–10 हजार रुपये दिए जाते हैं।
इस मेधा पुरस्कार योजना के लिए योग्यता मानदंड निम्नलिखित हैं:
- दसवीं कक्षा के लिए छात्रों का अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति से होना आवश्यक
- बारहवीं कक्षा के लिए छात्रों का सिर्फ अनुसूचित जाति श्रेणी से होना जरूरी
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के लिए अलग-अलग पुरस्कार हैं
- छात्र को किसी भी मान्यता प्राप्त राज्य/केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड/आईसीएसई में उपस्थित होना चाहिए और माध्यमिक विद्यालय परीक्षा (10वीं कक्षा और 12वीं कक्षा) में कुल मिलाकर 50% से कम अंक नहीं होना चाहिए।
डॉ. अम्बेडकर फाउंडेशन हर साल छात्रों/पुरस्कार विजेताओं को पुरस्कार समारोह में एक सहयोगी के साथ बुलाता है और इसके लिए उन्हें उनके अध्ययन स्थल या गृह नगर से स्लीपर क्लास के रिटर्न टिकट का भुगतान करता है। उनके ठहरने, खाने-पीने, स्थानीय भ्रमण, संसद और अम्बेडकर म्यूजियम इत्यादि की यात्रा का खर्च फाउंडेशन वहन करता है।