केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने 7 सितम्बर, 2020 को सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की सभी योजनाओं की 33 कार्य योजनाओं वाली एक पुस्तक जारी की। यह पहली बार हुआ है कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने प्रत्येक योजना की एक व्यापक कार्य योजना 2020-21 निर्धारित की है। इसका उद्देश्य केन्द्रीय मंत्रालय और भाग लेने वाले गैर-सरकारी संगठनों के लिए स्पष्ट लक्ष्य और प्रयोजन निर्धारित करना है। यह पुस्तक सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की सभी योजनाओं के लिए 33 वार्षिक कार्य योजनाओं का एक संग्रह है। इसे अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, वरिष्ठ नागरिकों, नशीली दवाओं के शिकार व्यक्तियों, ट्रांसजेंडरों, विमुक्त घुमंतू और अर्ध घुमंतू जनजातियों से संबंधित व्यक्तिों के आर्थिक, शैक्षिक विकास और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए तैयार किया गया है।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि भारत सरकार समावेशी समाज के निर्माण के विजन को अर्जित करने के लिए प्रतिबद्ध है जिसमें वार्षिक कार्य योजना 2020-21 के तहत गरीब और हाशिए पर मौजूद समूहों के सदस्यों को शैक्षिक, आर्थिक, सामाजिक विकास और पुनर्वास संबंधी कार्यों के द्वारा सशक्त बनाया जाता है। वित्त वर्ष 2019-20 में विभिन्न योजनाओं पर 8602.53 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिससे 2.35 करोड़ लाभार्थियों को लाभ मिला, जबकि चालू वित्त वर्ष में यह बजट बढ़ाकर 9933.33 करोड़ रुपये (15.46% बढ़ोतरी) कर दिया गया है और लाभार्थियों की संख्या में भारी वृद्धि होकर 4.91 करोड़ (110.6% बढ़ोतरी) होने का अनुमान है। यह विभाग की विजन प्राप्त करने की यात्रा और नए भारत के निर्माण में भी मील का पत्थर साबित होगा।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की योजनाएँ
- अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नि:शुल्क कोचिंग, अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप और अनुसूचित जातियों के लिए शीर्ष श्रेणी की शिक्षा :
- अनुसूचित जातियों के लिए उच्च श्रेणी शिक्षा छात्रवृत्ति योजना, अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए नि:शुल्क कोचिंग योजना, अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना के लिए सहायता की पात्रता हेतु आय सीमा को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख रुपये प्रति वर्ष तक संशोधित कर दिया गया है।
- नि:शुल्क कोचिंग योजना के तहत कार्यान्वयन का नया तरीका लागू किया गया है जिसके तहत पात्र अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़े वर्गों के छात्र अपनी पसंद के संस्थान में कोचिंग करने के लिए सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
- शीर्ष श्रेणी योजना के तहत सीटों की संख्या 1500 से बढ़ाकर 4200 सीट प्रति वर्ष कर दी गई है। आईआईटी/एनआईटी/शीर्ष एनआईआरएफ जैसे शीर्ष संस्थानों को रैंक प्राप्त संस्थानों में शामिल किया गया है।
- अनुसूचित जातियों के लिए राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति की योजना को उन छात्रों के लिए संशोधित किया है जिन्होंने प्रख्यात (शीर्ष 1000) वैश्विक संस्थानों में प्रवेश लिया है।
- प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना :
- समेकित विकास के लिए अनुसूचित जातियों की अधिसंख्या वाले 3584 गांवों को इस योजना के तहत लिया गया है। इससे ऐसे गांवों की कुल संख्या 13199 हो गई है।
- नशीले दवाओं की मांग घटाने के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना :
- नशा मुक्त भारत अभियान नशीली दवाओं के उपयोग से सर्वाधिक प्रभावित 272 जिलों में शुरू किया गया है। यह अभियान 15 अगस्त, 2020 को शुरू किया गया है और यह 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगा।
- भिखारियों के पुनर्वास के लिए एकीकृत कार्यक्रम:
- भीख मांगने के काम में लगे लोगों के व्यापक पुनर्वास की एक परियोजना मंत्रालय ने चलाई है। यह परियोजना 10 पायलट शहरों अर्थात दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, लखनऊ, पटना, नागपुर और इंदौर में चलाई जाएगी।
5. वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना:
- इस वर्ष कम-से-कम एक वरिष्ठ नागरिक गृह हर जिले में सुनिश्चित किया जाएगा।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना में संशोधन किया गया है और इसे शामिल किया गया है।
– वरिष्ठ नागरिक डे-केयर केन्द्र के लिए स्वयं सहायता समूह बहाल किए गए।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए वर्ष के दौरान राष्ट्रीय हेल्पलाइन की स्थापना से केन्द्र, राज्य सरकार, जिला प्रशासन और गैर-सरकारी संगठन बुजुर्गों की शिकायतों के समाधान के लिए जुड़ेंगे।
- वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय हेल्पलाइन की स्थापना का प्रस्ताव सक्रिय रूप से विचाराधीन है और यह इस वर्ष के दौरान कार्य करने लगेगी।
6. राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (एनएसकेएफडीसी):
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत एक शीर्ष निगम है। यंत्रीकृत सफाई को बढ़ावा देने और हाथ से जोखिम वाली साफ-सफाई की घटनाओं को कम करने एवं स्वच्छता उद्यमी योजना (एसयूवाई) के तहत यंत्रीकृत सफाई उपकरण की खरीददारी और परिचालन के लिए इसके लक्षित समूहों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस नई योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत 5 लाख मूल्य तक के उपकरण के लिए 50 प्रतिशत पूंजी सब्सिडी देने का प्रावधान है।
7. नागरिक अधिकार अधिनियम 1955 और अत्याचार रोकथाम अधिनियम 1989 के संरक्षण को लागू करने के लिए सरकारी मशीनरी को मजबूत बनाना :
- अनुसूचित जातियों और जनजातियों के सदस्यों पर अत्याचार के खिलाफ पीसीआर अधिनियम 1955 और पीओए अधिनियम 1989 के प्रभावी कार्यान्वयन और जागरूकता पैदा करने के लिए वेब आधारित स्व-सेवा पोर्टल के साथ एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन स्थापित करना।
8. अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप :
- वर्ष 2020-21 के दौरान अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत अतिरिक्त 10 लाख छात्रों को शामिल करने का प्रस्ताव किया गया है।
- योजना के तहत सभी लाभार्थियों को शामिल करने के लिए एक केन्द्रीय डेटाबेस विकसित किया जाएगा।
9. अन्य पिछड़ें वर्गों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति :
- केन्द्र से धन को सहज रूप से जारी करने के लिए राज्य कार्य योजना को जरूरी बनाया गया है।
- लाभार्थियों की संख्या 35 लाख तक बढ़ाने का प्रस्ताव है।
10. विश्वास:
- ‘वंचित इकाई समूह और वर्गों की आर्थिक सहायता योजना (विश्वास योजना)’ अनुसूचित जातियों और 3 लाख प्रति वर्ष तक की वार्षिक आय वाले अन्य पिछड़ा वर्ग स्वयं सहायता समूहों/व्यक्तिगत सदस्यों के लाभ के लिए है।
- इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग स्वयं सहायता समूह और व्यक्ति बैंक ऋणों पर 5 प्रतिशत तक ब्याज अनुदान का लाभ उठा सकेंगे। विश्वास योजना, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के शीर्ष निगम राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम (एनएसएफडीसी) और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) द्वारा लागू की जाएगी।
- इस योजना से अन्य पिछड़े वर्गों की पहुंच बढ़ाने और महामारी के इन दिनों में ब्याज का भार कम करने में मदद मिलेगी।