उत्तराखंड: उत्तराखंड ऊना में घट रहे लिंगानुपात पर चिंता व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि कम लिंगानुपात वाली पंचायतों में विकास कार्य रोकने पर होगा विचार। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम के दौरान बतौर मुख्यातिथि यह बयान दिया।
माननीय सुप्रीम कोर्ट तथा मानवाधिकार आयोग द्वारा ऊना की 24 पंचायतों में लिंगानुपात की कमी के मामले पर कड़ा रुख अपनाने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। ऊना का नाम देश के उन सौ जिलों में शामिल है जिनमें शिशु लिंगानुपात सबसे कम है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर ऊना के रामलीला मैदान में राज्यस्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री द्वारा लिंगानुपात में उत्कृष्ट रहने वाली प्रदेश की 50 पंचायतों को सम्मानित भी किया गया। स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने जिला ऊना में कम लिंगानुपात को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए जनसमूह से लिंगानुपात में सुधार को लेकर जागरूक होने का आह्वान भी किया। कौल सिंह ने कहा कि यहां ज्यादा लिंगानुपात वाली पंचायतों को प्रदेश सरकार सम्मानित करेगी, वहीं कम लिंगानुपात वाली पंचायतों में विकास कार्य रोकने पर भी सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है ताकि लोगों को यह समस्या महसूस करवाई जा सके।
कौल सिंह ने कहा कि जिला ऊना में लिंगानुपात कम होने के पीछे एक बड़ा कारण ऊना की सीमाएं पंजाब के साथ लगना है, क्योंकि पंजाब के कई क्षेत्रों में अवैध ढंग से अल्ट्रासाउंड मशीनें कार्य कर रही हैं जहां पर लिंग परीक्षण का कार्य धड़ल्ले से हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग अल्ट्रासाउंड के जरिए लिंग परीक्षण करने वालों पर पैनी नजर बनाए हुए है।
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