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कांग्रेस के 131वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुएः मुख्यमंत्री श्री रावत जी

उत्तराखंड
देहरादून: धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक समरसता, राजनैतिक लोकतंत्र, विविधता में एकता, सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक व सांस्कृतिक सहिष्णुता, दृढ़ संसदीय

प्रजातांत्रिक व्यवस्था तथा समाज के अल्पसंख्यकों व कमजोर वर्गो का विकास ही भारतीय लोकतंत्र के आधारभूत तत्व है। भारतीय सनातन परम्परा अत्यन्त सहिष्णु रही है जिसमें चावार्क जैसे नास्तिक दार्शनिक को भी सम्मान पूर्वक स्थान दिया गया है, जिन्होने ईश्वर के अस्तित्व को ही नकार दिया था। कवि इकबाल रचित एक शेर को उद्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने  भारतीय इतिहास में धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक सहिष्णुता, उदारता तथा अन्य विचाधाराओं को आत्मसात करने की समृ़द्ध परम्परा की प्रशंसा की। प्राचीन भारतीय ऋषियों ने भी सामाजिक सरंचना में  विविधता को अपरिहार्य बताया है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत राजनैतिक स्वतंत्रता के लिए तो प्रतीक्षा कर सकता है परन्तु सामाजिक पिछडे़पन से आजादी उसे पहले प्राप्त करनी होगी।
 मुख्यमंत्री श्री रावत द्वारा उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस समिति द्वारा कांग्रेस के 131वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस भवन, राजपुर रोड़ में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया गया। बड़ी संख्या में राज्य के विभिन्न भागों से आये कांग्रेस कार्यकताओं को स्थापना दिवस के साथ ही गत दिवस कांग्रेस सेवा दल के स्थापना दिवस की भी की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कांगे्रस भारतीय इतिहास में सर्वाधिक पुराना राजनैतिक दल है। वर्तमान में कांग्रेस के समक्ष मात्र कम्युनिस्ट पार्टी तथा रिपब्लिकन पार्टी का इतिहास ही पुराना है अन्य सभी राजनैतिक दल अपेक्षाकृत नये है। उन्होंने कहा कांग्रेस मात्र एक राजनैतिक दल न होकर एक सामाजिक आंदोलन है। कांग्रेस की स्थापना ही सामाजिक परिवर्तन हेतु की गई थी न की सत्ता प्राप्ति हेतु। विश्व के इतिहास में ऐसा कोई राजनैतिक दल नहीं है जिसने अपने राजनैतिक कार्यक्रम में सामाजिक सुधारों, धार्मिक सहिष्णुता, सामाजिक उन्नयन को स्थान दिया हो। आधुनिक भारत के इतिहास में राजा राम मोहन राय के विभिन्न सामाजिक सुधार आंदोलनों के पश्चात महात्मा गांधी के नेतृत्व में सबसे बड़ा सामाजिक आंदोलन अस्पृश्यता के विरूद्ध चलाया गया जिसके परिणामस्वरूप अस्पृश्यता रोधी कानून लाया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बाद पं0 जवाहर लाल नेहरू ने धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद तथा योजनागत विकास पर बल दिया। सामाजिक, राजनैतिक,  धार्मिक तथा क्षेत्रीय एकता के कारण अंग्रेजो की ‘‘फूट डालो राज करो‘‘ की नीति भी असफल रही तथा अंग्रेजो को भारत छोड़ना पड़ा। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि वह एक कांग्रेसमेन के रूप में कांग्रेस के आधारभूत व मूल तत्वों धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक, राजनैतिक धार्मिक सहिष्णुता, राजनैतिक लोकतांत्रिक प्रणाली, संसदीय लोकतंत्र आदि पर गर्व अनुभव करते है। आज सामाजिक, राजनैतिक तथा धार्मिक सहिष्णुता संकटमय स्थिती में है। विचारों को व्यक्त करने की स्वतंत्रता सकंट में है ऐसे समय में भारतीय संविधान के मूल सिद्धान्तों को जानने व उस पर अमल करने की अत्यन्त आवश्यकता है।

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