नई दिल्ली: केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने 8 से 10 मई, 2019 तक कोच्चि में विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ) के एशिया प्रशांत क्षेत्र के सीमा शुल्क प्रशासन के क्षेत्रीय प्रमुखों का सम्मेलन आयोजित किया। भारत ने इस सम्मेलन के आयोजन की मेजबानी डब्ल्यूसीओ के एशिया प्रशांत क्षेत्र के उपाध्यक्ष की हैसियत से की। भारत ने यह पदभार 1 जुलाई, 2018 को दो साल की अवधि के लिए संभाला है।
इस सम्मेलन में इस क्षेत्र में सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देने, सुविधा प्रदान करने और सुरक्षा प्रदान करने के लिए डब्ल्यूसीओ के कार्यक्रमों और पहलों को आगे बढ़ाने में हुई प्रगति तथा अन्य बातों के साथ इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सदस्य प्रशासनों द्वारा अपेक्षित क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता की स्थिति का जायजा लिया गया
इस तीन दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता सीबीआईसी के अध्यक्ष श्री प्रणव कुमार दास ने की। सम्मेलन में एशिया प्रशांत क्षेत्र के 20 से अधिक देशों के सीमा शुल्क शिष्टमंडलों तथा क्षमता निर्माण के क्षेत्रीय कार्यालय (आरओसीबी) और क्षेत्रीय खुफिया लाइजिनिंग कार्यालय (आरआईएलओ) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। डब्ल्यूसीओ के महासचिव श्री कुनिओ मिकुरिया और कोच्चि में प्रधान मुख्य आयुक्त, सीमा शुल्क श्री पी. एन. राव भी इस बैठक में शामिल हुए।
इस सम्मेलन में एशिया प्रशांत क्षेत्र की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श के अलावा उपाध्यक्ष आरओसीबी और आरआईएलओ के कार्यक्रमों, सुरक्षा से संबंधित मुद्दों, व्यापार सुविधा, ई-कॉमर्स, कार्य प्रदर्शन की माप, विश्वसनीय व्यापारी कार्यक्रम और व्यापार सुविधा तथा सीमा शुल्क प्रशासनों के क्षेत्र में उभरती हुई प्रौद्योगिकी और तार्किक चुनौतियों के बारे में विचार-विमर्श किया गया।
सीमा शुल्क और व्यापार के बीच सहयोगात्मक दृष्टिकोण के महत्व को मान्यता देते हुए, सीमा शुल्क के क्षेत्रीय प्रमुखों के सम्मेलन के अग्रदूत के रूप में 7 मई, 2019 को व्यापार दिवस का भी आयोजन किया गया। दिन भर के विचार-विमर्शों में, उद्योग और व्यापार के प्रतिनिधियों और थिंक-टैंकों ने अपने-अपने दृष्टिकोण और अनुभव को साझा किया। जिनसे व्यापार सुविधा को बढ़ावा देने, वैश्विक व्यापार को सुरक्षित करने और नैतिक नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए नीतियों और उपायों को अपनाने के लिए इस क्षेत्र के सीमा शुल्क प्रशासनों की सोच को आकार मिलने की उम्मीद है।