लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में निःशक्तजन को कृत्रिमअंग सहायक उपकरण खरीदने हेतु वित्तीय अनुदान स्वीकृत करने की नियमावली 2016 प्रख्यापित की गयी है। इस नियमावली में दिव्यांजन को कृत्रिम अंग एंव सहायक उपकरण खरीदे जाने हेतु पात्रता की शर्ते, अनुदान की दर एवं अनुदान आदि का निर्धारण की व्यवस्था है।
भारत सरकार की एडिप योजना की भांति राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजन हेतु संचालित कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण योजना के अन्तर्गत उपकरणों की धनराशि की सीमा को बढ़ाये जाने के लिए नियमावली के नियम-5 अनुदान की दर तथा नियमावली के नियम-8 को संशोधित करते हुए इस योजना के अन्तर्गत निःशक्तजन को कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण आदि खरीदने के लिए धनराशि आठ हजार से बढ़ाकर दस हजार रू0 अनुमन्य होगी।
अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तीकरण श्री महेश कुमार गुप्ता की ओर से 28 फरवरी, 2019 को जारी शासनादेश में कहा गया है कि संशोधित नियम के उपरांत अब सहायक/कृत्रिम अंग यदि दिव्यांगजन को अधिकतम अनुदान की सीमा दस हजार रू0 से अधिक धनराशि के उपकरणों की अवश्यकता है तो इस स्थिति मंे लाभार्थी को दस हजार रू0 इस शर्त के साथ प्रदान किया जायेगा कि अतिरिक्त धनराशि का वहन स्वयं संबधित दिव्यांजन के द्वारा किया जायेगा।
प्रदेश के दिव्यांगजन के सहायक/हितार्थ कृत्रिम अंग उपकरण योजना के अन्तर्गत दिव्यांगजन को उपलब्ध कराये जाने वाली अनुदान की अधिकतम सीमा दस हजार रू0 के अन्तर्गत उसे आवश्यक एक से अधिक उपकरण भी प्रदान किय जाने की अनुमान्यता की आवश्यकता है, जिससे की दिव्यांगजन को आवश्यक सहायक उपकरण कृत्रिम/अंग एक साथ उपलब्ध कराये जा सके।
शासनादेश में कहा गया है कि बहुविकलांगता की दशा में अथवा जिन निःशक्तजन को एक से अधिक सहायक उपकरण की आवश्यकता है उनके लिए एक बार में अधिकतम दस हजार रू0 की वित्तीय अनुदान स्वीकृत किया जायेगा। नियमावली में किया गया संशोधन 01 अप्रैल, 2019 से प्रभावी होगा। शासनादेश में कहा गया है कि नियमावली 21 दिसम्बर, 2016 को इस सीमा तक संशोधित समझा जाये।