देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में नए उत्पादन क्षेत्र विकसित करने के साथ ही किसानो को तकनीकी व वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि प्रयोग के तौर पर कुमांऊ व गढ़वाल मण्डल के 25 किसानो को 25 नाली जमीन पर सेब उत्पादन की योजना तैयार की जाए। इसके लिए 5 करोड़ की धनराशि की व्यवस्था की जाएगी। मण्डी परिषद् से इस योजना को जोड़ा जाएगा। उन्होंने सेब उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन एप्पल योजना अविलंब शुरू करने के निर्देश देते हुए निदेशक उद्यान को मिशन एप्पल के कार्डिनेटर की जिम्मेदारी सौंपी है।
शुक्रवार को बीजापुर अतिथि गृह में सेब उत्पादन नीति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हमारी पहचान भी सेब उत्पादक राज्यों में हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जाय। उन्होने जिन क्षेत्रों में सेब उत्पादन हो रहा है वहां पर आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने व नये क्षेत्रों का सर्वे कराने को कहा। इसके लिये मण्डी परिषद, उद्यान विभाग व इस क्षेत्र में कार्यरत संस्थाओं का आपसी समन्वय के साथ हो ऐसी व्यवस्था की जाए। सेब के अच्छी प्रजाति के वृ़क्षों की उपलब्धता के लिये विशेष प्रयास हो। उन्होने कहा कि सेब उत्पादको को चिन्हित कर आगामी 9 सितम्बर को आयोजित एप्पल डे के अवसर पर सेब उत्पादकों का सम्मेलन भी आयोजित किया जाय। उनकी जरूरत के हिसाब से उन्हे सहयोग उपलब्ध कराया जाए। उन्होने निदेशक इंडो डच हार्टिकल्चर टेक्नालाजी भीमताल से सेब उत्पादन क्षेत्रों व सेब उत्पादकों को तकनीकि सहयोग के साथ ही अच्छी गुणवत्ता के पौध उपलब्ध कराने में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंनें सेब उत्पादको को प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ ही फसलो को नुकसान से बचाने के उपायो पर भी कार्ययोजना बनाने को कहा। ऊंचाई व पानी वाले स्थानो के चिन्हीकरण को प्राथमिकता दी जाए। अधिक से अधिक सेब उत्पादक तैयार हो इसके लिए प्रचार प्रसार पर ध्यान दिया जाए।