नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर में अब तक का सबसे बड़ा आतंकीहमला हुआ है. जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले पर ये हमला गुरुवार दोपहर को किया गया. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने की खबर है. आतंकियों ने इलाके में जवानों पर पहले गोलीबारी की और फिर उन पर कार के जरिये आईईडी ब्लास्ट किया. आतंकी हमला पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के गोरीपोरा इलाके में हुआ.
अधिकारियों ने बताया कि एनएसजी के विस्फोटक विशेषज्ञ, एनआईए के जांचकर्ता पुलवामा आतंकवादी हमला स्थल जाएंगे. जम्मू कश्मीर में पुलवामा आतंकवादी हमले की जांच में एनआईए को शामिल किया जाएगा. ऐसे में रक्षा विशेषज्ञ इस बात पर भी सवाल उठा रहे हैं कि इतने बड़े काफिले को यहां से ऐसे नहीं गुजरना चाहिए था.
जम्मू कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर विचार विमर्श के लिए केन्द्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति (सीसीएस) की शुक्रवार को बैठक होगी. सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह बैठक पुलवामा की फिदायिन हमले की घटना की पृष्ठभूमि में हो रही है जिसमें 40 सीआरपीएफ कर्मी शहीद हुए हैं. सूत्रों ने बताया कि यह बैठक शुक्रवार को सुबह सवा नौ बजे होने की संभावना है. सीसीएस की अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं तथा रक्षा मंत्री, गृह मंत्री, विदेश मंत्री एवं वित्त मंत्री इसमें शामिल हैं. सीसीएस सुरक्षा एवं सामरिक मामलों पर निर्णय करती है.
सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों को निशाना बना कर किए गए आईईडी विस्फोट की जैश-ए-मोहम्मद ने जिम्मेदारी ली है. सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है कि ये एक आत्मघाती हमला है. इस आत्मघाती हमले को जैश के आतंकी आदिल अहमद डार ने अंजाम दिया. हमले में 45 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं.
हमला तब हुआ जब सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से कश्मीर जा रहा था. काफिले में 70 वाहन थे. इसमें से एक बस को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है. सेना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि 2001-02 में आतंकियों ने इसी तरह के फिदायीन हमले को अंजाम दिया है. सेना का कहना है कि सेना ने जिस तरह से आतंकियों के ख्ािलाफ ऑपरेशन चलाया है, उसमें उनकी बौखलाहट बढ़ गई है. इसी कारण उन्होंने आईएसआईएस की तर्ज पर ये हमला किया है.
पुलिस के अनुसार, पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग सीआरपीएफ के काफिले में 2500 जवान शामिल थे. इसमें एक बस में 40 से ज्यादा जवान मौजूद थे. आतंकियों ने काफिले पर आईईडी विस्फोट करते हुए सीआरपीएफ के वाहन पर गोलियां बरसाईं. सुरक्षाबलों का यह काफिला श्रीनगर-जम्मू हाईवे से होकर जा रहा था. यह एक मात्र हाइवे है, जो कश्मीर घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. भारी बर्फबारी के कारण 7 दिनों के बाद 13 फरवरी को इस राजमार्ग पर यातायात फिर से शुरू किया गया था.
12 CRPF jawans have lost their lives in an IED blast in Awantipora, Pulwama. Dozens injured. #JammuAndKashmir (visuals deferred) pic.twitter.com/bONkKeFFxt
— ANI (@ANI) February 14, 2019
धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिले के अवंतिपुरा इलाके में श्रीनगर जम्मू राजमार्ग पर यह आईईडी विस्फोट हुआ. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.
CRPF Official on Pulwama attack: There were 70 vehicles in the convoy and one of the vehicles came under attack. The convoy was on its way from Jammu to Srinagar. https://t.co/B0SaEEU5wE
— ANI (@ANI) February 14, 2019
सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि सड़क पर एक चार पहिया वाहन में IED लगाया गया था. कार हाईवे पर खड़ी थी. जैसे ही सुरक्षाबलों का काफिला कार के पास से गुजरा, उसमें ब्लास्ट हो गया. इस दौरान काफिले पर फायरिंग की भी खबर है. सबसे अधिक संभावना है कि यह एक रिमोट कंट्रोल्ड व्हीकल आईईडी था.
रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने आईईडी में विस्फोट करने के बाद सीआरपीएफ बस पर स्वचलित हथियारों से गोलियां भी बरसाईं. जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था. Zee News