लखनऊ: यूपी में विधानसभा चुनाव (UP Vidhansabha Chunav 2022) की तारीखों के ऐलान होने के बाद दलबदल का सिलसिला शुरू हो गया है. योगी सरकार (Yogi Government) में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने मंगलवार को बीजेपी (BJP) से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से मुलाकात की और सपा (SP) की साइकिल में सवार हो गए.
उनके बाद तीन और विधायक पार्टी से अलग हो गए. बिल्हौर से विधायक भगवती प्रसाद सागर, बांदा के तिंदवारी से विधायक ब्रजेश प्रजापति और तिलहर विधानसभा से विधायक रोशन लाल वर्मा ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया.
नाराज विधायकों व स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने की जिम्मेदारी इन दो लोगों पर
वहीं, बीजेपी से नाराज विधायकों और कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य को मनाने का सिलसिला शुरू हो गया है. बीजेपी ने इन सभी को मनाने की जिम्मेदारी दो नेताओं को सौंपी है. नाराज नेताओं ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) बातचीत करेंगे. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य से कहा है कि वो बैठकर बात करें. डिप्टी सीएम ने उनके फैसले को जल्दबाजी से भरा फैसला बताया है.
जल्दबाजी में लिए फैसले गलत साबित होते हैं-डिप्टी सीएम
स्वामी प्रसाद मौर्य के बीजेपी से अलग होने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा, ‘आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है. मैं नहीं जानता हूं उनसे अपील है कि बैठकर बात करें. जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं.
विस चुनाव में 32 सीटों की मांग कर रहे थे मौर्य
जानकारी के मुताबिक, मौर्य अपने बेटे व कुछ खास लोगों के लिए विधानसभा चुनाव में भाजपा से 32 टिकटों की मांग कर रहे थे. बात नहीं बनने पर उन्होंने नाराज होकर पार्टी का साथ छोड़ दिया. भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने के बाद ज़ी मीडिया से खास बातचीत में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि साफ तौर पर उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया हैं, क्योंकि उनका यहां से मोहभंग हो चुका है. उनको बीजेपी में अपेक्षित महसूस हो रहा है. उनके वादे के लिए काम नहीं हुआ. उनका यह भी कहना है कि बीजेपी को इसका सबक मिलेगा.
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