नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और ब्रिटेन तथा उत्तरी आयरलैंड के बीच पशु-पालन, डेरी उद्योग और मत्स्य-पालन के क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन को मंजूरी दे दी है।17.04.2018 को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारतीय मवेशियों और मत्स्य-पालन का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से पशु-पालन, डेरी उद्योग और मत्स्य-पालन के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग विकसित करना है।
प्रभाव:
इस साझेदारी से घरेलू उद्योग और निर्यात के लिए डेरी, मत्स्य पालन और पशु उत्पादों को बढ़ाकर मवेशियों के स्वास्थ्य, उनके पालन-पोषण और मत्स्य-पालन के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद है। समझौता ज्ञापन पशु-पालन, मत्स्य-पालन और डेरी उद्योग पर निम्नलिखित के जरिए परामर्श और सहयोग को बढ़ावा देगा:
- पशु-पालन, मत्स्य-पालन और संबंधित मामलों में आपसी हित से जुड़े मामले
- मवेशियों के स्वास्थ्य और पशु-पालन, पालन-पोषण, डेरी और मत्स्य-पालन में सहयोग
- मवेशियों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए कमी वाले क्षेत्रों में भोजन और चारे को पोषण की दृष्टि से समृद्ध बनाने और उसकी बड़ी मात्रा में ढुलाई का प्रबंधन और व्यवस्था
- मवेशियों, पशु-पालन और पशु उत्पादों के व्यापार से जुड़े मामलों में स्वच्छता
- पशुओं के चारे की फसलों के साथ उच्च तकनीक वाले चारे के पेड़ों की प्रजातियों की नर्सरियां विकसित करना और सूखे वाले क्षेत्रों में नमी वाली मिट्टी के संरक्षण सहित एकीकृत कृषि प्रणाली के अंतर्गत चारे वाले पेड़ों की प्रजातियों के पौधा-रोपण के लिए कृषि वनों को बढ़ावा
- अध्ययन दौरों/परस्पर सहमति वाले क्षेत्रों में परीक्षण के लिए वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान के क्षेत्र
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के इस्तेमाल सहित नवोन्मेष कृषि विस्तार दृष्टिकोण के संबंध में विभिन्न विषयों की जानकारी के लिए संयुक्त अनुसंधान के लिए सहयोग
- संयुक्त हित वाला अन्य कोई मुद्दा
प्रत्येक पक्ष के प्रतिनिधियों को मिलाकर एक संयुक्त कार्य दल गठित किया जा सकता है ताकि संयुक्त कार्यक्रम बनाये जा सकें और सहयोग तथा विचार-विमर्श किया जा सके।
पृष्ठभूमि:
पशुपालन, डेरीऔर मत्स्य पालन के क्षेत्रों में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर भारत और ब्रिटेन तथा उत्तरी आयरलैंड के बीच अप्रैल 2018 में हस्ताक्षर किए गये थे। भारत की ओर से कृषि और कृषि कल्याण मंत्रालय में पशु-पालन, डेरी और मत्स्य-पालन विभाग के प्रतिनिधियों और ब्रिटेन तथा उत्तरी आयरलैंड की ओर से पर्यावरण, खाद्य और ग्रामीण मामलों के विभाग के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए।