सरकारी विभागों में नए पदों के सृजन पर लगाई गई रोक को लेकर कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे सभी आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन उपायों से नियमित भर्तियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नियमित भर्तियां बिना किसी प्रतिबंध या कटौती के जारी रहेंगी। मालूम हो कि कोरोना की वजह से वर्तमान वित्तीय हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी विभागों में नए पदों के सृजन पर रोक लगा दी है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी निर्देश के मुताबिक यह रोक सभी मंत्रालयों, विभागों, उनसे जुड़े कार्यालयों और उनके अधीनस्थ कार्यालयों, वैधानिक संस्थाओं एवं स्वायत्त संस्थाओं के लिए होगी। व्यय विभाग के इस निर्देश से कांग्रेस को मुद्दा मिल गया। इस पर पहले राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए और बाद में राजीव शुक्ला ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेस के जरिए सरकार को घेरने की कोशिश की।
वहीं सरकार ने शनिवार को इस मुद्दे पर अपनी स्थिति साफ कर कांग्रेस के अभियान की हवा निकाल दी। केंद्र सरकार ने साफ कहा कि इस निर्देश से नियमित भर्तियों में न तो कटौती हो रही है और न ही किसी तरह की रोक लगने जा रही है। सरकारी एजेंसियों कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी), संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) रेलवे रिक्रुटमेंट बोर्ड आदि से होने वाले भर्तियां निर्बाध जारी रहेंगी।
बता दें कि वित्त मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी निर्देश में कहा गया था कि अगर रिक्तियां सृजन करने के अधिकार के तहत किसी विभाग ने बिना व्यय विभाग की अनुमति के इस साल एक जुलाई के बाद किसी पद को भरने के लिए पद निकाले हैं और उसे अब तक भरा नहीं गया है तो अब उस पद को भरा नहीं जाएगा। रिक्तियां निकालने वाला विभाग अगर यह मानता है कि उस पद को भरा जाना अति आवश्यक है तो उस प्रस्ताव को व्यय विभाग के पास भेजा जा सकता है। जागरण