नई दिल्ली: केन्द्र सरकार ने प्याज की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रण में रखने के लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए। प्याज की कीमतों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार ने निम्नलिखित निर्णयों की घोषणा की है:
- राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे सीधे तौर पर खुदरा बिक्री के लिए केन्द्र सरकार के पास उपलब्ध 35,000 टन के स्टॉक का उपयोग करें, ताकि बढ़ती कीमतों को थामा जा सके। इस संबंध में राज्य सरकारों को संदेश भेजकर उनसे केन्द्रीय बफर स्टॉक से अपनी-अपनी आवश्यकताओं के बारे में बताने को कहा गया था। अब तक पांच राज्यों यथा हरियाणा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, त्रिपुरा और ओडि़शा ने इस स्टॉक से प्याज उपलब्ध कराने की मांग की है।
- केन्द्र सरकार की ओर से केन्द्रीय बफर स्टॉक अपने पास रखने वाले नैफेड को सफल, मदर डेयरी एवं एनसीसीएफ के स्टोरों और स्वयं के विक्रय केन्द्रों से दिल्ली में प्याज का वितरण करने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि इसकी कीमत 24 रुपये प्रति किलो से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। केन्द्र सरकार ने भी समान दरों पर अपने चैनलों के जरिए सीधे तौर पर खुदरा बिक्री के लिए अपने बफर स्टॉक से दिल्ली सरकार को प्याज उपलब्ध कराने की पेशकश की है। इससे पूरी दिल्ली में वितरण केन्द्रों की कुल संख्या बढ़कर लगभग 700 हो जाएगी।
- कर्नाटक से प्याज की खरीफ फसल पहले से ही बाजार में आनी शुरू हो गई है। इससे महाराष्ट्र से प्याज की आपूर्ति पर बढ़ रहा दबाव कम होगा और इसके साथ ही समीपवर्ती क्षेत्रों में कीमतों पर दबाव घट जाएगा।
- वर्तमान मांग पूरी करने के लिए महाराष्ट्र में प्याज का पर्याप्त स्टॉक है। हालांकि, ऐसा प्रतीत होता है कि आपूर्ति बाधित की जा रही है, ताकि कीमतें बढ़ाई जा सकें। सरकार यहां के साथ-साथ केन्द्रीय बफर स्टॉक से भी प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है, ताकि इसकी उपलब्धता में किसी भी तरह की कमी को पूरा किया जा सके। यदि व्यापारियों की सट्टेबाजी के चलते कीमतें नीचे नहीं आती हैं तो सरकार स्टॉक लिमिट लगाने पर भी विचार करेगी।
- एमएमटीसी को भी प्याज की उपलब्धता में किसी भी तरह की कमी को पूरा करने हेतु प्याज का आयात करने के लिए निविदा जारी करने का निर्देश दिया गया है।
- नैफेड को भी आगामी त्योहारी सीजन के दौरान किसी भी आकस्मिक जरूरत को पूरा करने और प्याज के उपभोग तथा वितरण स्थलों पर अग्रिम रूप से इसका पर्याप्त स्टॉक पहुंचाने के लिए आवश्यक तैयारी करने का निर्देश दिया गया है, ताकि इसकी निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
- बांग्लादेश और श्रीलंका को न्यूनतम निर्यात मूल्य से कम दाम पर किए जा रहे निर्यात पर तत्काल रोक लगा दी जाएगी और उन लोगों एवं निकायों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी जो सरकार के इस निर्णय का उल्लंघन करते हुए पाए जाएंगे।