नई दिल्ली: 15वें वित्त आयोग के विचारार्थ विषयों के अनुसार –
‘आयोग इन क्षेत्रों में राज्यों को मापने योग्य प्रदर्शन पर आधारित प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव सरकार के उपयुक्त स्तर पर पेश करने पर विचार कर सकता है – (i) भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं के कार्यान्वयन, आपदा से जुड़े बुनियादी ढांचे, सतत विकास लक्ष्यों और व्यय की गुणवत्ता से संबंधित उपलब्धियां (ii) स्वच्छता, ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन और खुले में शौच की समस्या से मुक्ति के लिए लोगों के व्यवहार में बदलाव लाने की दिशा में हुई प्रगति।’
इस संबंध में अध्यक्ष श्री एन.के. सिंह की अगुवाई में वित्त आयोग ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तारपूर्वक विचार-विमर्श किया। इस दौरान वन क्षेत्र आधारित कर अंतरण के प्रस्तावित फॉर्मूले के साथ-साथ जलग्रहण क्षेत्र के प्रस्तावित शोधन और वन बहाली अनुदान पर भी चर्चाएं हुईं। इस बैठक में वित्त आयोग के सदस्य भी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान पर्यावरण (प्रदूषण क्षेत्र) के लिए प्रस्तावित सिफारिशों, प्रदूषण में कमी से संबंधित प्रस्तावित प्रदर्शन अनुदान और इसके लिए प्रस्तावित फॉर्मूले पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक के दौरान एनडीसी के लक्ष्य 5 के तहत जलवायु परिवर्तन से जुड़ी सिफारिशों पर भी विचार-विमर्श किया गया। वित्त आयोग ने जलवायु परिवर्तन (एनडीसी लक्ष्य 5 अनुदान) के लिए प्रस्तावित फॉर्मूले और जलवायु परिवर्तन अनुदान सशर्त देने की संभावनाओं पर भी विचार किया।