उत्तर मध्य रेलवे नई तकनीक के समावेश के लिए जाना जाता है और अत्याधुनिक तकनीक के क्षेत्र में सदैव से अग्रणी एवं निरंतर प्रयासरत है। इसी क्रम में वरिष्ठ मण्डल संकेत एवं दूर संचार इंजीनियर/कानपुर श्री आशीष कुमार सक्सेना के कुशल मार्गदर्शन में सिग्नल स्टॉफ कानपुर द्वारा ट्रैक फीड चार्जर का इंडीकेशन प्रणाली स्टेशन मास्टर कक्ष में सफलतापूर्वक लगाया गया है|
पूर्व में जब डी. सी. ट्रैक सर्किट फेल होता था तो अधिकांशतः प्रमुख कारण ट्रैक फीड चार्जर का खराब होना होता था जिस कारण डी. सी. ट्रैक सर्किट की बैटरी डिस्चार्ज हो जाती थी और ट्रैक सर्किट को विद्युत ऊर्जा नहीं मिल पाती थी। ट्रैक फीड चार्जर को बदलने में समय लगता था जिससे गाड़ियों के विलंबित होने की समस्या बनी रहती थी। कानपुर संभाग में इस समस्या के निदान के लिए संकेत एवं दूर संचार विभाग द्वारा नवीनतम सोच के अंतर्गत स्टेशन मास्टर कक्ष में ट्रैक फीड चार्जर का इंडीकेशन, बजर और स्वीकृति बटन प्रदान किया गया है|
आज के समय में जैसे ही ट्रैक फीड चार्जर में खराबी आती हैं तो स्टेशन मास्टर को इंडीकेशन और बजर के माध्यम से तुरंत सूचना मिल जाती है। इसी के साथ संकेत विभाग सूचना उपरांत तत्काल ट्रैक फीड चार्जर बदल देता है जिससे बैटरी पूर्ण रूप से डिस्चार्ज नहीं हो पाती और गाड़ियां बिना किसी विलंबन के अपने समय पर यात्रियों को गंतव्य स्थल पर पहुंचा पाती हैं। यह तकनीक कानपुर संभाग के 25 में से 16 स्टेशन (सरसौल,रुमा,चकेरी,चंदारी,पनकी, रूरा, अम्बियापुर, झींझक,कंचौसी, फफूंद, पाता, साम्हों,भरथना,जसवंत नगर ,बलरई ,भदान ) पर लगाईं जा चुकी हैं। इस नवीन तकनीक से ट्रैक फीड चार्जर के खराब होने की सूचना डाटा लॉगर के माध्यम से संबंधित कार्मिक को मैसेज द्वारा तुरंत जानकारी दी जा सकती है जिससे कि फेल्योर के निदान में और गतिशीलता लाई जा सकती है।
जहां पूर्व में सिगनल विभाग के कर्मचारियों को डी. सी. ट्रैक सर्किट ठीक करने के लिए बार बार जाना पड़ता था वहीं आज सिगनल विभाग प्रिवेंटिव मेंटेनेंस के माध्यम से समस्या का निदान कर पा रहा है और कॉविड-19 महामारी की वजह से देशव्यापी Lockdown के समय में कम से कम स्टाफ द्वारा रेलवे के संसाधनों की देखरेख की जा रही है और मालगाड़ियों का आवागमन सुचारू रूप से जारी है जिससे आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति संपूर्ण राष्ट्र में सुचारू रूप से की जा रही है।