नई दिल्ली: वर्तमान में, देश, शेष विश्व के समान, कोविड -19 महामारी से जूझ रहा है। यह स्पष्ट है कि अन्य एजेंसियों के साथ सरकार इस महामारी के प्रसार को नियंत्रित करने और सार्वजनिक स्वास्थ्य और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव को प्रबंधित करने और कम करने के लिए कई उपाय कर रही है। सरकार और सिविल सोसाइटी संगठनों द्वारा उठाए जा रहे विभिन्न कदमों के लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता है, जिसके लिए सभी स्रोतों से योगदान सहायक हो सकता है। इसमें राजकोष पर वेतन का बोझ कम करना भी शामिल है।
इसे ध्यान में रखते हुए आयोग ने, मुख्य चुनाव आयुक्त श्री सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्तों श्री अशोक लवासा और श्री सुशील चंद्रा को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिए जाने वाले मूल वेतन में तीस प्रतिशत की स्वैच्छिक कटौती के रूप में योगदान करने का निर्णय लिया है। यह स्वैच्छिक कटौती 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले वर्ष में एक साल की अवधि के लिए होगी।