लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने अपने सरकारी आवास पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बाढ़ प्रभावी क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा एवं अन्य आवश्यक बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मा0 मुख्यमंत्री जी का संकल्प है कि बाढ़ से कहीं भी जन-धन हानि न होने पाये, यह सभी की नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी तटबन्धों पर जनरेटर लगाकर प्रकाश की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि तटबन्धों की निगरानी हेतु इमरजेन्सी लाइट एवं बड़ी टाॅर्च अवश्य उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक तटबन्धों की निगरानी हेतु अधिकारियों द्वारा प्रभावी गश्त की पुख्ता व्यवस्था कराई जाय, ताकि तटबन्धों की नियमित निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कार्यों में लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जायेगी। बाढ़ का कार्य युद्धस्तर पर करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए पहले से ही तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं।
श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 24 घण्टे कड़ी निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय, ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिया है कि तटबन्धों के पास अवर अभियन्ता (जे0ई0) के रूकने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाय। उन्होंने नियमित रूप से बाढ़ की समीक्षा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया है कि बाढ़ की अद्यतन स्थिति क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों को अवगत कराएं तथा उनसे प्राप्त सुझावों पर भी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित कराएं।
प्रमुख अभियन्ता परिकल्प एवं नियोजन श्री ए0के0 सिंह ने बताया कि कोविड-19 में बाढ़ के कार्यों में जो विलम्ब हुआ है उसको तत्काल कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग के इतिहास में यह पहली बार सभी तटबन्धों पर कार्य इतनी तेजी कार्य पूर्ण किये जा रहे हैं। जिन नदियों में कटाव हो रहे हैं, उनकी धाराओं को विपरीत दिशा में मोड़ने के लिए कार्य किये जा रहे हैं, जिससे कि किसानों की फसलों का नुकसान न होने पाए।