लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों को समय से जानकारी उपलब्ध करायी जाए। समय से प्राप्त पूर्वानुमान के कारण क्षति की सम्भावना कम होती है। यह पूर्वानुमान 24 से 48 घण्टे का हो। मौसम विज्ञानियों द्वारा जारी चेतावनियों के बारे में सुदूर गांवों के किसानों को टी0वी0, अखबार व स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध करायी जाए।
प्रदेश की अद्यतन स्थिति के सम्बन्ध में राजस्व विभाग के एक प्रस्तुतिकरण का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसानों का हित सुरक्षित रखना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। विगत मार्च माह में प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में हुई असमय वर्षा और ओलावृष्टि के कारण किसान और कृषि उपज पर दुष्प्रभाव पड़ा है। विगत 24 घण्टों में भी प्रदेश के 09 जनपदों में ओलावृष्टि की सूचना है। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ खड़ी है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह स्थिति अगले दो-तीन दिन और रहने की सम्भावना है। इसके दृष्टिगत सभी आवश्यक सतर्कता प्रबन्ध किए जाएं। असमय बरसात, ओलावृष्टि के कारण किसानों की प्रभावित फसल का आकलन कर राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि तत्काल उपलब्ध करायी जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण यदि किसी भी प्रदेशवासी की दुःखद मृत्यु होती है, मानव-वन्य जीव संघर्ष से कोई घायल होता है तो तत्काल पीड़ित परिवार से सम्पर्क कर राहत आयुक्त स्तर से आपदा राहत कोष के अन्तर्गत पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। बरसात, तेज हवा, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक कारणों से गेहूं आदि की फसल खराब हो सकती है। जिस फसल की पैदावार होने जा रही है, उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। ऐसी फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत क्रय किया जाना चाहिए। इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम शिथिल किए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए। गेहूं की फसल के संभावित नुकसान के कारण इस वर्ष भूसे की कमी हो सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए पशुपालन विभाग द्वारा समय से गोवंश चारे की व्यवस्था कर ली जाए।