लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में अनेक योजनाएं संचालित हुई हैं, जिन्होंने देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन में व्यापक परिवर्तन किया है। उत्तर प्रदेश उन सभी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने वाले राज्यों में से एक है। सभी को बिना भेदभाव के शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त हो रहा है। लोग बीमारियों से मुक्त हुए हैं। उनका जीवन स्तर बढ़ा है। ईज ऑफ लिविंग के स्तर को बढ़ाने में उत्तर प्रदेश को सफलता मिली है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में लम्बी छलांग लगाते हुए राज्य को निवेश के गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। यह उत्तर प्रदेश के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बना है। प्रदेश के 24 करोड़ लोगां के जीवन में परिवर्तन करने के लिए शौचालय, उज्ज्वला योजना के कनेक्शन, आवास, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतर सुविधा तथा बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने के लिए डबल इंजन की सरकार सदैव तत्परता से कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर पशुधन, स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना के अन्तर्गत भारत सरकार के सहयोग से 201 करोड़ रुपये की लागत से जी0पी0एस0 से लैस 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट (एम0वी0यू0) के फ्लैग ऑफ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी तथा केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने हरी झण्डी दिखाकर मोबाइल वेटनरी यूनिट को रवाना किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन व उनकी प्रेरणा से प्रदेश सरकार ने विगत 06 वर्षों में गोवंश के संरक्षण तथा संवर्धन करने तथा अन्नदाता किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने एवं उनकी आमदनी में वृद्धि के लिए अनेक प्रयास किये हैं। अन्नदाता किसानों की फसलों को सुरक्षित रखने के लिए पशुधन विभाग द्वारा अनेक कार्यक्रम प्रारम्भ किये गये हैं। इन कार्यक्रमों की लम्बी श्रृंखला है। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश में नस्ल सुधार की दिशा में बड़े अभियान को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने बासन्तीय नवरात्रि के पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के लगभग 06 करोड़ पशुधन के संरक्षण और संवर्धन की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी मोबाइल वेटनरी यूनिट के लिए प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उत्तर प्रदेश के पशुधन के संवर्धन और संरक्षण के नए अध्याय की शुरूआत है। आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में 1962 टोल फ्री नम्बर के माध्यम से इन मोबाइल वेटनरी यूनिट की सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब कोई पशुधन बीमार होता था, तो समय पर चिकित्सक नहीं पहुंच पाते थे। लोग समय पर सूचना भी नहीं दे पाते थे। उस समय वेटनरी चिकित्सकों की कमी देखने को मिलती थी। किसी गोवंश, भैस अथवा बकरी के साथ दुर्घटना होने पर भी समय से उपचार की सुविधा नहीं मिल पाती थी। यह मोबाइल वेटनरी यूनिट प्रदेश के 05 जोन में कमाण्ड एण्ड कन्ट्रोल सेन्टर के माध्यम से संचालित होंगी। इनकी रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। इससे सभी जोन में होने वाले कार्य को जानने का अवसर प्राप्त होगा। पशुपालकों की अमूल्य निधि के माध्यम से उत्तर प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में नम्बर एक से आगे बढ़ाकर लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने का कार्य कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए 6600 से अधिक संरक्षण केन्द्र बनाए गये हैं। प्रदेश में कुल 12 लाख निराश्रित गोवंश हैं। इनमें से 11 लाख निराश्रित गोवंशों के संरक्षण की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठा रही है। प्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए तीन योजनाएं चल रही हैं। प्रथम योजना के अन्तर्गत निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में लगभग 10 लाख गोवंश की सेवा, सुरक्षा, संरक्षण तथा उनके संवर्धन के लिए सरकार कार्य कर रही है। इसमें प्रदेश के वेटनरी चिकित्सक, राजस्व विभाग के कार्मिकों, जिला प्रशासन, ग्राम पंचायतों तथा नगर निकायों का बड़ा योगदान होता है। दूसरी मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अन्तर्गत कोई किसान निराश्रित गो-आश्रय स्थल से चार गोवंश लेकर उसे पाले तो उसे 900 रुपये प्रति गोवंश उपलब्ध कराये जाते हैं। प्रतिमाह इनका भौतिक सत्यापन करने के उपरान्त डी0बी0टी0 के माध्यम से धनराशि उनके खातों में जाती है। तीसरी योजना के अन्तर्गत कुपोषित परिवारों को निराश्रित गो-आश्रय स्थल से दुधारू गाय उपलब्ध कराने का कार्य प्रदेश में किया गया है।
प्रधानमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में गोबरधन योजना की शुरूआत की। इसके माध्यम से प्रदेश में किसानों के लिए गाय का गोबर अतिरिक्त आमदनी का स्रोत बना है। प्रदेश में बायोफ्यूल की यूनिट भी लग रही है। यह कार्यक्रम युद्धस्तर पर चल रहे हैं। राज्य के कुछ जनपदों में गाय के गोबर से पेंट बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। हमारा प्रयास होना चाहिए इस पेन्ट की ब्रान्डिंग करते हुए इसे सब्सिडी दें। प्रयास करें कि हर देव स्थल तथा अपने घरों की लिपाई-पोताई में इसका प्रयोग करें। सरकार इसके लिए एक नये कार्यक्रम को लेकर आगे बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गंगा जी के तटवर्ती प्रदेश के 27 जनपदों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ाए गए हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के सभी सात जनपदों को भी प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत लिया गया है। प्रदेश में जैविक एवं प्राकृतिक खेती के अन्तर्गत सवा लाख हेक्टेयर भूमि पर वर्तमान में यह कार्यवाही प्रारम्भ हो चुकी है। सरकार का प्रयास है कि इसमें बढ़ोत्तरी हो। एक वर्ष में 30 एकड़ खेती को विषमुक्त बनाने के लिए गाय के गोबर तथा गोमूत्र से ही फर्टीलाइजर तथा पेस्टीसाइड उपलब्ध हो सकता है। यह कार्यक्रम भी प्रदेश में प्रारम्भ हुए हैं।
प्रदेश में लम्पी डिजीज एक चुनौती थी। उस समय प्रदेश के पशुपालन विभाग, राजस्व विभाग तथा पुलिस विभाग ने टीम वर्क का परिचय देते हुए इसका सफलतापूर्वक सामना किया। परिणामस्वरूप लम्पी डिजीज 04-06 जनपदों तक ही सीमित रही और उसमें भी कुछ ही गोवंश उसकी चपेट में आए। बड़े पैमाने पर इसकी वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री जी ने खुरपका और मुंहपका रोग के नियंत्रण के लिए वैक्सीनेशन की शुरूआत जनपद मथुरा से करने के लिए प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि मथुरा कान्हा तथा गोपालन की भूमि है। आजादी के बाद से उत्तर प्रदेश या देश के पशुपालकों द्वारा उत्पादित दुग्ध को वैश्विक बाजार में स्थान नहीं मिल पाया। इसके लिए किसी ने नहीं सोचा, यह पहली बार हुआ जब खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारियों को पूरी तरह समाप्त करके हम न केवल उस मूक जीव को संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं, बल्कि पशुपालकों की आमदनी को कई गुना बढ़ाने तथा उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने के लिए एक मंच भी देंगे।
आज यहां 201 करोड़ रुपये की लागत से 520 मोबाइल वेटनरी यूनिट उत्तर प्रदेश को प्राप्त हुई है। यह प्रदेश के 05 अलग-अलग जोन में संचालित होगी। यह एक विकेन्द्रीकृत व्यवस्था है। अलग-अलग कम्पनियां इस कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं। जो कम्पनियां क्वालिटी के साथ सेवाएं उपलब्ध करवाएंगी, उन्हें प्रोत्साहित करने का कार्य सरकार करेगी। मूक जीवों का आशीर्वाद प्रधानमंत्री जी तथा इस पूरे अभियान के साथ जुड़ने वाले सभी लोगों को प्राप्त होगा। यह सेवाएं उत्तर प्रदेश के पशुधन की गुणवत्ता को बढ़ाने तथा उनके संरक्षण व संवर्धन में बड़ी भूमिका का निर्वहन करेगा। मुख्यमंत्री जी ने सभी प्रदेशवासियों को बासन्तीय नवरात्रि तथा आगामी 30 मार्च को पड़ने वाले रामनवमी पर्व की शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश पर शासन करने का अवसर बहुत से लोगों तथा राजनीतिक दलों को प्राप्त हुआ है। इनकी संवेदना जब मनुष्यों के प्रति नहीं थी, तब मूक जीव के प्रति उनकी संवेदना होगी, यह कल्पना से भी बाहर है। गांधी जी ने अपने जीवन में सदैव सत्य, अहिंसा और अस्तेय को स्थान दिया। सत्य, अहिंसा और अस्तेय के प्रति उनका आग्रह ही सत्याग्रह कहलाया। बापू ने सत्याग्रह के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। मन, वचन तथा कर्म से सत्य के मार्ग पर चलने वाला ही सत्याग्रह कर सकता है। असत्य के मार्ग पर चलने वाला यदि सत्याग्रह की बात करे तो यह उसके आचरण और व्यवहार, आचार व विचार तथा कथनी और करनी के भेद को स्पष्ट कर देता है। लोकतंत्र को कमजोर करने वाले तथा भ्रष्टाचार में आकण्ठ डूबे लोग सत्याग्रह नहीं कर सकते। मनुष्य के प्रति जिनकी संवेदना नहीं है, जो देश को जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद सहित विभिन्न वादों में बांटते हैं, अपने देश की निन्दा करने वाले, देश को कटघरे में खड़ा करने वाले तथा विपरीत परिस्थितियों में भारत की सीमाओं की रक्षा करने वाले बहादुर जवानों के प्रति सम्मान का भाव न रखने वाले लोग सत्याग्रह नहीं कर सकते हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन मंत्री श्री परशोत्तम रुपाला ने कहा कि नवरात्रि के पावन अवसर पर अबोध पशुओं की सेवा हेतु पूरे प्रदेश के लिए मोबाइल वेटनरी यूनिट का शुभारम्भ किया जा रहा है। भारत विश्व में दुग्ध उत्पादन में नम्बर एक पर है और उत्तर प्रदेश भारत में दुग्ध उत्पादन में नम्बर एक पर है। उत्तर प्रदेश सरकार ने लम्पी डिजीज को कन्ट्रोल करने में जिस प्रकार कार्य किया, वह देश के लिए प्रेरणा बना है।
प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में ‘पशु उपचार-पशुपालक के द्वार’ को साकार करने हेतु भारत सरकार के सहयोग से मोबाइल वेटनरी यूनिट का कार्य पूरे देश में पहली बार उत्तर प्रदेश में सम्पन्न किया जा रहा है। इसके लिए लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा तथा मेरठ में जोन बनाए गये हैं।
इस अवसर पर केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री कौशल किशोर, उत्तर प्रदेश वेटनरी काउंसिल के अध्यक्ष श्री डी0सी0 वर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव पशुधन डॉ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि मोबाइल वेटनरी यूनिट का उद्देश्य ‘पशु उपचार-पशुपालक के द्वार’ की थीम के साथ प्रदेश के समस्त जनपदों में पशुपालकों को पशु चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से सम्बन्धित समस्त सेवाएं निःशुल्क तथा समयबद्ध तरीके से उपलब्ध कराना है। पूरे देश में पहली बार विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के अन्तर्गत प्रदेश को 05 जोन में विभक्त करते हुए 05 ऑपरटरों द्वारा योजना संचालित की जा रही है, जो देश में एक अभिनव प्रयास है। पशुपालक टोल फ्री नम्बर ‘1962’ पर कॉल करके आकस्मिकता की स्थिति में अपने द्वार पर निःशुल्क इलाज प्राप्त कर सकता है।