लखनऊ: गन्ना पेराई सत्र 2017-18 में सहकारी गन्ना समिति, मवाना, मेरठ के अध्यक्ष, श्री विनोद कुमार द्वारा अपने पद एवं प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए गन्ना समिति का पुराना कर्जा न होते हुये भी पुराने कर्जे के नाम पर अपने पुत्र श्री श्रीकान्त कुमार के नाम 07 फर्जी गन्ना पर्चियां जारी कराकर इनके सापेक्ष चीनी मिल को गन्ना आपूर्ति कराकर सामान्य कृषकों के गन्ने की आपूर्ति को प्रभावित किया और इस तरह से गन्ना आपूर्ति नीति के प्राविधानों का स्पष्ट उल्लंघन किया। इसी तरह सहकारी गन्ना विकास परिषद, मवाना, मेरठ के अध्यक्ष श्री वेद राम द्वारा भी अपने पद एवं प्रभाव का दुरूपयोग करते हुए समिति का पुराना कर्जा न होते हुए पुराने कर्जे के नाम पर 07 फर्जी गन्ना पर्चियां अपने नाम से और अपने पुत्र श्री रघुराज के नाम से 01 पुराने कर्जे की फर्जी पर्ची जारी कराकर गन्ना आपूर्ति नीति के प्राविधानों का उल्लंघन किया। सहकारी गन्ना समिति अध्यक्ष का यह कृत्य न सिर्फ समिति सदस्यों के हितों के प्रतिकूल है वरन् समिति की उपविधियों एवं उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम, 1965 के प्राविधानों के भी विपरीत है।
इन पर्ची निर्गमन में हुई अनियमितताओं से संबंधित प्राप्त शिकायतों की जांच जिला गन्ना अधिकारी, गाजियाबाद की अध्यक्षता में गठित जांचदल की आख्या का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के गन्ना आयुक्त श्री संजय आर. भूसरेड्डी द्वारा उ.प्र. सहकारी समिति अधिनियम, 1965 की धारा-38 के अन्तर्गत अध्यक्ष, श्री विनोद कुमार एवं श्री वेद राम को पद से हटाये जाने से पूर्व उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिये 10 दिन के अन्दर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।