‘माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व मेंभारत सरकार ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के मंत्र के आधार पर केरल के समग्र विकास पर विशेष ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई)के चरण-IIIके तहतगवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कोझिकोड में स्थापित इस सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक का पूरा होना केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच जीवंत सहकारी संघवाद का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।’ यह बात केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया ने केरल के मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन की उपस्थिति में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कोझिकोड में नए सर्जिकल सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के उद्घाटन के दौरान कही।
डॉ. मांडविया ने इस परियोजना के पूरा होने पर सभी को बधाई देते हुए कहा किदेश भर में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए चिकित्सा बुनियादी ढांचे के साथ-साथ केंद्र और राज्य के बीच सक्रिय सहयोग काफी अहम है क्योंकि ये स्वास्थ्य सुरक्षा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। यह देश में सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की नींव रखता है।नए सर्जिकल सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक के बारे में बात करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि यह फैसिलिटी न केवल कोझिकोड बल्कि पड़ोसी जिलों की तृतीय स्वास्थ्य सेवा जरूरतों को भी पूरा करेगी। इस सुपर स्पेशिएलिटी भवन का निर्माण कॉलेज परिसर के 273 एकड़ क्षेत्र के भीतर 2.57 लाख वर्ग फुट क्षेत्र में की गई है। इसकी परियोजना लागत 195.93 करोड़ रुपये है जिसमें केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 120 करोड़ रुपये और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 75.93 करोड़ रुपये है। इस सात मंजिला अस्पताल में 500 बिस्तर हैं जिसमें 190 आईसीयू बिस्तर के साथ-साथ 19 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर शामिल हैं। यहां सी-आर्म, एमआरआई, सीटी स्कैनव सीएसएसडी जैसे उपकरण और विभिन्न अंगों के प्रत्यारोपण की सुविधाएं हैं। यहां पांच सर्जिकल सुपरस्पेशलिटी विभागों, आपातकालीन चिकित्सा और एनेस्थिसियोलॉजी सहित अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) देश के वंचित क्षेत्रों में चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान एवं क्लीनिकल देखभाल में तृतीय स्वास्थ्य सेवा क्षमता निर्माण की परिकल्पना करती है। इसका उद्देश्य सस्ती/विश्वसनीय तृतीय स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करना और देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं में वृद्धि करना है। इस योजना के दो व्यापक घटक हैं:
- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना और
- मौजूदा गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज/इंस्टीट्यूट (जीएमसीआई) का उन्नयन।
अब तक इस योजना के विभिन्न चरणों के तहत 22 नए एम्स की स्थापना और 75 जीएमसीआई के उन्नयन की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। पीएमएसएसवाई के तहत जीएमसीआई के उन्नयन में मोटे तौर पर सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक (एसएसबी) और/या ट्रॉमा सेंटर/या अन्य सुविधाएं और/या चिकित्सा उपकरणों की खरीद शामिल है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केरल में इस योजना के तहत अब तक 4 जीएमसीआई की उन्नयन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इनमें त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज, त्रिवेंद्रम (चरण-I),टीडी मेडिकल कॉलेज, अलाप्पुझा (चरण-III), कोझिकोड मेडिकल कॉलेज, कोझीकोड (चरण-III) और एससीटीआईएमएसटी, त्रिवेंद्रम [चरण-V(ए)] शामिल हैं।
पिछले नौ वर्षों के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए व्यापक सकारात्मक बदलावों पर फोकस करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा किजनता के लिए समग्र स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिएसरकार ने विभिन्न पहल शुरू की हैं। ऐसी ही एक पहल दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत है जिसमें द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान केंद्रित किया गया है।भारत सरकार आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एबी-एचडब्ल्यूसी) के जरिये नागरिकों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए केरल की राज्य सरकार के साथ मिलकर काम कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा किदेश की तकनीकी ताकत का लाभ उठाने के लिएसरकार ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन को लॉन्च किया है ताकि स्वास्थ्य सेवाओं और रिकॉर्ड की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी एवं अन्य हस्तक्षेपों के जरिये सभी लोगों के लिए समान एवं सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित की जा सके। डॉ. मांडविया ने यह भी कहा कि इसके परिणामस्वरूप केरल में 2 मार्च 2023 तक71.33 लाख लोगों का सत्यापन किया गया है और कुल 48.4 लाख लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं। इस प्रकार इस योजना के तहत 4,580 करोड़ रुपये को आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘इससे केरल पिछले साल इस योजना के तहत सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शामिल हो गया।’
डॉ. मांडविया ने नागरिकों विशेषकर महिलाओं और बच्चों की देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करने के सरकार के दृष्टिकोण को दोहराते हुएकहा कि जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान जैसी योजनाएं मातृ स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई हैं और इससे प्रमुख स्वास्थ्य संकेतकों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। उन्होंने इस तरह के अन्य कदमों के महत्व पर फोकस करते हुए जन औषधि जन चेतना अभियान के आयोजनों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण गुणवत्तापूर्ण दवाओं की पहुंच और किफायत सुनिश्चित करना रहा है। उन्होंने कहा, ‘इसे अब देश भर में मौजूद 9,100 से अधिक जन औषधि केंद्रों के जरिये हासिल किया जा रहा है।’ उन्होंने जन औषधि दिवस में केरल सरकार की व्यापक भागीदारी की सराहना की और कहा कि इससे न केवल गरीबों बल्कि मध्य वर्ग को भी लाभ होगा।
यह दोहराते हुए कि सरकार ‘पूर्ण सरकार एवं पूर्ण समाज के दृष्टिकोण’ के साथ काम कर रही है, डॉ. मांडविया ने राज्य सरकार से इस केंद्र में चिकित्सा कर्मचारियों की आवश्यक नियुक्तियां करने का अनुरोध किया ताकि केरल के लोगों को अधिकतम लाभ मिल सके।
इस अवसर पर केरल सरकार में स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास मंत्रीश्रीमती वीना जॉर्ज, सांसद श्री एमके राघवन, सांसद श्री के मुरलीधरन, सांसद श्री इलामारम करीम के अलावा राज्य सरकार के मंत्रियों श्री पीए मुहम्मद रियास (लोक निर्माण एवं पर्यटन मंत्री), श्री एके ससीन्द्रन (वन एवं वन्यजीव मंत्री), श्री अहमद देवरकोविल (पत्तन, संग्रहालय एवं पुरातत्व मंत्री) और विधायक भी उपस्थित थे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के भाषण को यहां देखा जा सकता है: