लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर जनपद गोरखपुर में प्रस्तावित पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के निर्माण के सम्बन्ध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का अवलोकन किया। उन्होंने महाविद्यालय का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारम्भ करने के निर्देश देते हुए कहा कि पशु चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद गोरखपुर में स्थापित होने जा रहा पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय, मथुरा स्थित पं. दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान से सम्बद्ध होगा। महाविद्यालय की स्थापना और वहां उपलब्ध होने वाली सेवाओं-सुविधाओं के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से समन्वय स्थापित किया जाए। यह महाविद्यालय पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के पशुपालकों के लिए सर्वथा उपयोगी होगा।
प्राचीन काल में शालिहोत्र रचित ‘शालिहोत्र संहिता’ में उल्लिखित 12000 से अधिक श्लोक पशु चिकित्सा में हमारा बेहतर मागर्दशन करते हैं। आधुनिक युग में इस क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है। बड़ी संख्या में युवा इस क्षेत्र में शोध-अध्ययन-अध्यापन से जुड़ने को उत्सुक हैं।
महाविद्यालय के स्वरूप पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तीन चरणों में विकसित होने वाले इस महाविद्यालय के लिए 80 एकड़ भूमि चिन्हित की जा चुकी है। महाविद्यालय के विशाल परिसर में हॉस्पिटल ब्लॉक, एकेडमिक ब्लॉक, स्टाफ क्वार्टर, छात्रावास जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ पशु चिकित्सा विज्ञान से जुड़ी विभिन्न विधाओं के शोध अध्ययन केंद्रों की स्थापना की जानी चाहिए। बड़े पशुओं के लिए भूतल और छोटे पशुओं के लिए सुविधानुसार प्रथम तल पर चिकित्सा व्यवस्था होनी चाहिए। उन्हांेने पोल्ट्री साइंस, डेयरी सेक्टर के अलावा पशु नस्ल सुधार हेतु शोध आदि के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने महाविद्यालय परिसर को ‘नेट जीरो एनर्जी’ के काॅन्सेप्ट पर बनाने पर बल दिया। साथ ही, स्थापत्य में आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए हरित परिसर के विकास पर जोर दिया। प्रारम्भिक चरण में यहां स्नातक स्तर पर 100 विद्यार्थियों के प्रवेश की व्यवस्था होगी।