नई दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण से जुड़ी पहलों और कार्यक्रमों की निरंतरता सबसे बड़ी चुनौती है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को आज भारत में पेश करते हुए उन्होंने नई दिल्ली में कहा कि शुरुआत में तो तेज गति से काम होता है, लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे रफ्तार धीमी हो जाती है।
मंत्री महोदया ने कहा कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’, ‘स्टैंड अप स्टार्ट अप’ और ‘मुद्रा’ ने सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि ‘उज्ज्वला’ योजना के तहत धुआं रहित चूल्हे मुहैया कराये गये हैं जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद मिली है।
उन्होंने कहा कि जन धन योजना और प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के जरिये सरकार आर्थिक विकास के लिए वित्तीय समावेश पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। श्रीमती सीतारमण ने गैर-आर्थिक गतिविधियों जैसे कि महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ उन कानूनी मुद्दों की जरूरत को भी रेखांकित किया जिन पर भी सशक्तिकरण की खातिर विचार करना अभी बाकी है।
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