लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने अभियंता दिवस के अवसर पर सिंचाई भवन के परिसर में स्थापित भारत रत्न, सर इं0 मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करते हुए राष्ट्र के प्रति उनके द्वारा किये गये योगदान का स्मरण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि देश के निर्माण में विश्वेश्वरैया का महान योगदान है, इसलिए उनकी सेवाओं का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न और ब्रिटिश इण्डिया सरकार के दौरान नाइट हुड की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि श्री विश्वेश्वरैया अभियंताओं के लिए सदैव प्रेरणा के óोत बने रहेंगे।
जलशक्ति मंत्री सिंचाई मुख्यालय के प्रांगण में अभियंता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वेश्वरैया जी जब तक जीवित थे, उन्होंने अपने जीवन के एक-एक पल का सदुपयोग करते हुए राष्ट्र निर्माण में लगाया। अभियंता दिवस पर सभी अभियंताओं को संकल्प लेकर उनके पदचिन्हों पर चलते हुए उ0प्र0 को नम्बर एक प्रदेश बनाने के लिए कार्य करना चाहिए। विश्वेश्वरैया ने देश की विभिन्न योजनाओं को स्वरूप देने के साथ ही मैसूर एवं पटना के लिए जो कार्य किया वह आज भी मील का पत्थर है। उनकी सादगी, शालीनता, कर्मठता तथा समर्पण से प्रेरणा लेकर अभियंताओं को राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं को पूरा करना चाहिए।
डॉ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग ने उनके नेतृत्व में दो वर्षों के दौरान नई ऊंचाइयों को छुआ है। सिंचाई विभाग पारदर्शिता एवं नई परम्पराओं को लेकर आगे बढ़ा है। विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती एवं अभियंताओं को तैनाती मिली है और एक नई परम्परा डालते हुए मेरिट के आधार पर उनकी पसंद के आधार पर तैनाती दी गयी है। उन्होंने कहा कि विश्वेश्वरैया जी की सादगी, ईमानदारी से प्रेरणा लेकर अभियंताओं को कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियंता जिस दिन संकल्प लेकर फील्ड में रहना शुरू कर देंगे, उस दिन सिंचाई विभाग पूरे देश में प्रथम स्थान पर होगा। उन्होंने इस अवसर पर नहरों की सफाई, अतिरिक्त सिंचन क्षमता के सृजन एवं पुल-पुलियों की मरम्मत का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि नहरों की सफाई के लिए लगभग 265 सांसदों और विधायकों ने पत्र लिखकर सराहना की है।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के सत्ता में आने के समय देश में 99 परियोजनाएं अधूरी थी। इसमें से 04 बड़ी परियोजनाएं उ0प्र0 में भी लम्बित थी। इन सभी परियोजनाओं को संसाधन देकर पूरा कराया। जहां देश में इन परियोजनाओं से 30 लाख अतिरिक्त क्षमता का सृजन हुआ है वहीं उ0प्र0 में परियोजनाओं के पूरा होने से 20 लाख हे0 अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन हुआ है। उन्होंने इस अवसर पर उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य करने के लिए श्री आलोक कुमार, प्रभात कुमार दूबे, राजीव कुमार, करूणेश कुमार, विनोद कुमार, राकेश कुमार, याशीन खान, विनोद कुमार वर्मा, सुश्री अंजू सिंह तथा राकेश रोशन को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि विभाग में जो अच्छे कार्य करेंगे उन्हें पदक एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जायेगा।
डॉ0 महेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर कहा कि सिंचाई विभाग की बहुत सी जमीनों पर अवैध कब्जा हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह सरकारी सम्पत्ति है और एक इंच भी जमीन छोड़ी नहीं जायेगी। उन्होंने कहा कि विशेष अतिक्रमण अभियान चलाकर ढाई से तीन हजार हे0 जमीन खाली करायी गयी है। उन्होंने आगे यह भी कहा कि सिंचाई विभाग में महंगे स्मृति चिन्ह एवं पदक की परिपाटी से हटकर एक नई परम्परा शुरू की जाय और प्रत्येक अभियंता अपने गांव में एक गरीब की बेटी की शादी के लिए व्यवस्था कराए। उन्होंने कहा कि इससे धन का सदुपयोग होगा और इस पुनित कार्य के लिए सम्बंधित अभियंता को प्रशंसा के साथ समाज में सम्मान प्राप्त होगा। उन्होंने इस मौके पर भारत रत्न विश्वेश्वरैया की स्मृति में एक-एक देशी प्रजाति का वृक्ष लगाने का आह्वान किया।
डॉ0 महेन्द्र सिंह ने इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री अनिल गर्ग, विभागाध्यक्ष एवं प्रमुख अभियंता श्री वी0के0 निरंजन, प्रमुख अभियंता (यां0) श्री देवेन्द्र अग्रवाल, प्रमुख अभियंता (परिकल्प एवं नियोजन) श्री ए0के0 सिंह, विशेष सचिव सिंचाई श्री मुश्ताक अहमद, मुख्य अभियंता श्री डी0के0 मिश्रा आदि अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने इस मौके पर उ0प्र0 इंजीनियर्स एसोसएिशन द्वारा प्रकाशित विश्वेश्वरैया विशेषांक का विमोचन भी किया। अभियंता संघ के अध्यक्ष श्री सुरजीत सिंह निरंजन तथा महामंत्री श्री आशीष यादव ने विश्वेश्वरैया जी के जीवन एवं योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अभियंतागण एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।