लखनऊ: प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने कहा कि कुम्भ मेला भारत की सनातन संस्कृति का प्रतीक है। प्राचीन मान्यताओं को संरक्षित एवं जीवंत करने वाला यह एक अनोखा स्वतः स्फूर्त जन आयोजन है। प्रयागराज की पवित्र धरती भारत की समृद्ध, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक विरासत की पहचान है।
सहकारिता मंत्री श्री वर्मा प्रयागराज कुम्भ में आज प्रातःकाल स्नान करने व सहकारिता विभाग की ‘‘सहकारी संस्थाएं एक दृष्टि में’’ शीर्षक पर आधारित प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारम्भ करने के बाद यह बातें कही। उन्होंने कहा कि कुम्भ को भारतीय संस्कृति का महापर्व कहा गया है। संगम तट पर स्नान और पूजन का तो विशिष्ट महत्व है ही, साथ ही कुम्भ का बौद्धिक, पौराणिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक आधार भी है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग एक ऐसा माध्यम है जिससे गरीबों, किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिले, इसके लिए मूल्य समर्थन योजना के अन्तर्गत धान क्रय में आशातीत प्रगति हुई है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग आम जनमानस की प्रगति, समृद्ध एवं शान्ति का उत्तम मार्ग है।
श्री वर्मा ने कहा कि सहकारिता विभाग का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों को उनके आर्थिक उत्थान हेतु कम व्याज दर पर प्रारम्भिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के माध्यम से अल्पकालीन फसली ऋण तथा किसानों को उ0प्र0 सहकारी ग्राम विकास बैंक के माध्यम से दीर्घकालीन ऋण उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि फसल ऋण मोचन योजना 2017 के अन्तर्गत पूरे प्रदेश में 479771 सहकारी कृषक सदस्यों का 632.74 करोड़ रुपये फसली ऋण का मोचन किया गया है। इसके साथ ही वित्तीय वर्ष 2018-19 में खरीफ अभियान के अन्तर्गत 3909.85 करोड़ रु0 का फसली ऋण वितरित किया गया है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में सरकार द्वारा व्यवसाय विविधीकरण योजना के अन्तर्गत रु0 46445.55 लाख रुपये का ऋण वितरित किया गया। उन्होंने कहा कि कृषक सदस्यों को सहकारी समितियों पर उपलब्ध कृषि निवेशकों की उपलब्धता की जानकारी समय-समय पर दी जा रही है, इससे देश में ‘‘सबका साथ, सबका विकास’’ का उद्देश्य पूर्ण हो रहा है।