रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने दिनांक 30 अगस्त, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिवंगत बलरामजी दास टंडन व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ पर एक व्याख्यान दिया। रक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा को सतर्क रहने और ऐसे हर ख़तरे व चुनौती जो राष्ट्र के अस्तित्व, विकास और हितों को खतरे में डालती है, से निपटने के लिए तैयार रहने के एक दृढ़ विश्वास के रूप में परिभाषित किया। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति संवेदनशील होना हर सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
श्री राजनाथ सिंह ने पिछले 75 वर्षों में भारत द्वारा अपनी भूमि और समुद्री सीमाओं पर चुनौतियों को याद दिलाया और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली हर चुनौती का सामना करने और उस पर काबू पाने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। “स्वतंत्रता के बाद से, कुछ भारत विरोधी ताकतों द्वारा देश के भीतर अस्थिरता का माहौल बनाने के लिए लगातार प्रयास किया गया है । श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “जब उन्होंने महसूस किया कि वे हमारे साथ युद्ध में नहीं लड़ सकते हैं, तो उन्होंने छद्म युद्ध का सहारा लिया। उन्होंने भारत को निशाना बनाने के लिए आतंकवादियों को प्रशिक्षित और वित्तपोषित करना शुरू कर दिया।”
पिछले सात वर्षों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए सशस्त्र बलों के प्रयासों की सराहना करते हुए रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र शासित प्रदेश जल्द ही आतंकवाद से मुक्त हो जाएगा । उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 और 35ए के कारण अलगाववादी ताकतों को जो ताकत मिलती थी, वह अब कहीं नजर नहीं आती।”
श्री राजनाथ सिंह ने पिछले सात वर्षों में आतंकवाद के खिलाफ जवाब में “सुरक्षा बलों के बढ़े हुए मनोबल और उनके बदले हुए तौर-तरीकों” को एक बड़ा बदलाव बताया। इस बात पर जोर देते हुए कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के राजनीतिकरण में विश्वास नहीं करती है, उन्होंने कहा कि अब सशस्त्र बलों में यह विश्वास है कि वे किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप के बिना राष्ट्र की सेवा में अपना कर्तव्य निभा सकते हैं। उन्होंने कहा, “पिछले सात वर्षों में भारत के भीतरी इलाकों में कोई बड़ी आतंकवादी घटना नहीं हुई है। यह हमारे सशस्त्र बलों के बढ़े हुए मनोबल और आत्मविश्वास को दर्शाता है।”
आतंकी शिविरों पर सीमा पार से किए गए हमलों का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुरी ताकतों द्वारा अपनाया गया आतंकवाद का मॉडल धीरे-धीरे ढह रहा है। उन्होंने कहा, “भारत विरोधी ताकतें समझ गई हैं कि वे अब कश्मीर घाटी में ज्यादा कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं, खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद। मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि दुनिया की कोई भी ताकत जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकती है।”
संघर्ष विराम उल्लंघनों पर श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बलों ने हमेशा करारा जवाब दिया है जो उनकी सतर्कता और बहादुरी को दर्शाता है। उन्होंने राष्ट्र को आश्वासन दिया कि सशस्त्र बल राष्ट्र के हितों एवं देशवासियों की रक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर समय सतर्क हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रमों पर करीबी से नजर रख रही है जिनके कारण नई सुरक्षा चुनौतियां सामने आई हैं। “भारतीयों की सुरक्षा सरकार के लिए चिंतन करने का विषय है। उन्होंने कहा कि “हम यह भी नहीं चाहते हैं कि भारत विरोधी ताकतें सीमा पार आतंकवाद के लिए अफगानिस्तान में पैदा हुए हालात का फायदा उठाएं।”
साल 2020 में गलवान घाटी की घटना का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि सशस्त्र बल अच्छी तरह से जानते हैं कि किसी भी एकतरफा कार्रवाई को नजरअंदाज नहीं किया जाना है । उन्होंने देश की उत्तरी सीमा पर स्थिति से बहादुरी और संयम से निपटने के लिए भारतीय सेना की सराहना की। अपने प्राणों की आहुति देने वाले भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि देश अपनी मातृभूमि के लिए सशस्त्र बलों द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को कभी नहीं भूलेगा। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी भी सीमा विवाद को केवल शांतिपूर्वक और बातचीत के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। हालाँकि उन्होंने देश को आश्वासन दिया कि प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार, जब भारत की सीमाओं, उसके सम्मान और स्वाभिमान की बात आती है, कभी समझौता नहीं करेगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का महत्व महसूस करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कों, पुलों तथा अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के निर्माण में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने अटल सुरंग सहित बीआरओ द्वारा पूरी की गई कुछ परियोजनाओं का उदाहरण दिया और कहा कि लद्दाख को हर मौसम में संपर्कता दी जा रही है और कई वैकल्पिक सड़कों पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, “यह परियोजनाएं सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए फायदेमंद हैं। वे हमारी सामरिक संपत्ति भी हैं। उनके हितों को ध्यान में रखते हुए, सीमा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है।” रक्षा मंत्री ने उत्तर पूर्व में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का ज़िक्र भी किया और कहा कि उन्होंने हाल ही में पूर्वोत्तर में 12 सड़कों और लद्दाख में 63 पुलों का उद्घाटन किया और इसको राष्ट्रीय सुरक्षा ग्रिड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया।
श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सशस्त्र बल सीमाओं और समुद्र की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं और सरकार उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा, “हमारे सशस्त्र बलों को आधुनिक तकनीक और हथियारों से लैस करना हमारी प्राथमिकता है ताकि वे दुनिया की सबसे मजबूत और सबसे आधुनिक सेनाओं में से एक बन सकें।” रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल जैसे लड़ाकू विमानों के शामिल होने से भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता मजबूत हुई है और किसी भी चुनौती का जवाब देने की क्षमता बढ़ी है, सरकार का उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना और भारत को हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का सपना ‘आत्मनिर्भर भारत’ है। हम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ चाहते हैं।यह आत्मनिर्भरता का हमारा संकल्प है ।”
रक्षा मंत्री ने रक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करने और भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए कई सुधारों का उदाहरण दिया। सुधारों में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की नियुक्ति, सैन्य मामलों के विभाग का गठन और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए दो सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों को अधिसूचित करना शामिल है। उन्होंने कहा, “हम नए तरीके से थिएटर कमांड बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह भी अपने आप में एक क्रांतिकारी कदम होने जा रहा है।”
रक्षा मंत्री ने बाहरी व आंतरिक सुरक्षा से लेकर राजनयिक मोर्चे पर भारत के सामरिक हितों की रक्षा और मजबूती के कार्य तक हर मोर्चे पर देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। “हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर काम किया जा रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि भारत विरोधी ताकतों के नापाक इरादे देश के लोगों को छू भी न पाएं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के विकास के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए नए खतरे सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली को लगातार अद्यतन व उन्नत करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।