तकनीक की दुनिया में भारत एक और मील का पत्थर पार करने के करीब है. इस साल जून में भारत का नया सुपर कंप्यूटर बनकर तैयार होने की उम्मीद है. एक बार बनकर तैयार होने के बाद इस कंप्यूटर की क्षमता 10 पेटा फ्लोप होगी.
आम जुबान में बात करें तो इस क्षमता के साथ ये सुपर कंप्यूटर दुनिया के सबसे तेज लैपटॉप से करीब 10 लाख गुना तेजी से गणना कर पाएगा. माना जा रहा है कि इसे दुनिया के 10 सबसे तेज सुपर कंप्यूटर्स में जगह मिल सकती है. सरकार इस सुपर कंप्यूटर पर करीब 450 करोड़ रुपये खर्च कर रही है.
किस काम आएगा सुपर कंप्यूटर ?
मॉनसून की सटीक चाल जानने के लिए वैज्ञानिक तेज गणना वाली मशीन की जरुरत होती है. ये कंप्यूटर इस जरुरत को पूरा करेगा. अंतरिक्ष विज्ञान में भी सुपर कंप्यूटर्स बड़े काम आते हैं. खासकर ब्रह्मांड की उत्पति से जुड़े राज खोलने के लिए वैज्ञानिक ऐसी मशीनों का इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा डीएनए रिसर्च और प्रोटीन रिसर्च भी सुपर कंप्यूटर्स की मदद से नए आयाम तक पहुंची है. वैज्ञानिक मौसम में बदलाव और भूकंपों के पीछे की प्रक्रिया को समझने के लिए भी सुपर कंप्यूटर्स का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही, परमाणु शोध में भी सुपर कंप्यूटर्स काम आते हैं.
फिलहाल इस मशीन की देखरेख पुणे के भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम संस्थान और नोएडा नेशनल सेंटर फॉर मीडियम रेंज वेदर फॉरकास्टिंग के जिम्मे है. एक सुपर कंप्यूटर की गुणवत्ता महज उसकी गणना की गति से नहीं होती. एक बेहतरीन सुपर कंप्यूटर में बिजली की खपत भी अहम फैक्टर है. साथ ही ये भी देखा जाता है कि उसके प्रोसेसर किस तरह जोड़े गए हैं.
चीन में है सबसे तेज सुपर कंप्यूटर
भारत 90 के दशक से सुपर कंप्यूटर बना रहा है. परम सीरीज का सुपर कंप्यूटर एक वक्त में दुनिया के दस सबसे तेज सुपर कंप्यूटर्स में शुमार था. लेकिन हाल के कुछ सालों में यूरोपीय यूनियन, चीन, अमेरिका और जापान ने इस क्षेत्र में कई रिकॉर्ड तोड़े हैं. फिलहाल दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर चीन के पास है. जापानी वैज्ञानिक जल्द ही उसे मात देने की तैयारी में हैं.
साभार आजतक
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