लखनऊ: ‘’यूपी स्टार्टअप काॅन्क्लेव’’ का आयोजन आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा लखनऊ मैनेजमेन्ट एसोसिएशन तथा भारतीय प्रबन्धन संस्थान (आईआईएम), लखनऊ के सहयोग से आज आईआईएम लखनऊ परिसर में किया गया। प्रतिष्ठित कन्सल्टेन्सी संस्था केपीएमजी एडवाइजरी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, आयोजन के नाॅलेज पार्टनर थे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक्स, मुस्लिम वक्फ एवं हज राज्यमंत्री,श्री मोहसिन रज़ा ने पे-टीएम का उदाहरण देते हुए और उन्हें एक गर्व का विषय बताते हुए प्रदेश से इसी तरह के अनेक नये स्टार्ट-अप्स की आशा और अभिलाषा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप किसी भी क्षेत्र से हो सकते हैं। उन्होंने विभिन्न विद्यालयों से बड़ी संख्या में आये छात्र-छात्राओं को जिनमें से अनेक युवाओं में भविष्य के सफल उद्यमी बनने की सम्भावनायें हैं, उन्हें इन्क्यूबेटर्स और स्टार्ट-अप्स के लिए ‘‘उ0प्र0 सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति 2017’’ के अन्तर्गत अनुमन्य प्रोत्साहनों के बारे में विस्तार से बताया।
राज्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर समिट में विभाग द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रानिक्स क्षेत्र में 55,000 करोड़ निवेश हेतु समझौता-ज्ञापन तथा 29 जुलाई 2018 को ग्राउण्ड ब्रेक्रिंग समारोह में प्रधानमंत्री जी द्वारा रू 41,450 करोड़ की परियोजनाओं के शुभारम्भ का उल्लेख भी किया। उन्होंने बताया कि केवल उत्तर प्रदेश के स्टार्ट-अप्स के लिए वित्तीय पहुॅंच सुगम बनाने के लिए रू 1000 करोड़ से उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप फण्ड की स्थापना की जा रही है और उत्तर प्रदेश में स्टार्ट-अप क्राॅंति को उत्प्रेरित करने के लिए देश के विशालतम इन्क्यूबेटर की स्थापना लखनऊ में की जायेगी।
अपर मुख्य सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स श्री आलोक सिन्हा ने प्रदेश में स्टार्ट-अप सुदृढ़ ईकोसिस्टम बनाने और नीतियों में इसके अनुकूल सुधार किये जाने का आश्वासन दिया। श्री विनायक नाथ, प्रबन्ध निदेशक, वेन्चर कैटिलिस्ट ने बताया कि पिछले एक वर्ष में उत्तर प्रदेश में 5 स्टार्ट-अप्स में रू 54 करोड़ का वित्तपोषण किया गया है। अमेज़न के पश्चात, विश्व की दूसरी सबसे बड़ी हपजिपदह स्टार्ट-अप ूूूण्पहचण्बवउ लखनऊ से है। श्री ए.के. माथुर, अध्यक्ष लखनऊ मैनेजमेण्ट एसोसिएशन ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश स्थित स्टार्ट-अप्स की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार दृष्टिगोचर है।
श्री दिग्विजय सिंह, इण्डियन एन्जेल नेटवर्क ने बताया कि इण्डियन एन्जेल नेटवर्क द्वारा प्रतिवर्ष 11,000 प्रस्तावों में से 40 प्रस्तावों का चयन किया जाता है तथा उत्तर प्रदेश के स्टार्ट-अप्स भी वित्तपोषण हेतु इण्डियन एन्जेल नेटवर्क को सम्पर्क कर सकते हैं।
श्री सौरभ जैन ने बताया कि पे-टीएम ‘‘बिल्ड फाॅर इण्डिया’’ पर काम किया जा रहा है, जोकि उत्तर प्रदेश से है। इसके संस्थापक श्री विजय शेखर शर्मा अलीगढ़ से हैं। पे-टीएम से लाखों व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न हुए हैं।
उन्होंने सुझाव दिया कि विद्यालय/विश्वविद्यालय स्तर पर ही उद्यमिता/स्टार्ट-अप की शिक्षा दी जानी चाहिए। सरकार द्वारा ‘‘रोजगार आकाॅक्षियों’’ को ‘‘रोजगार प्रदाता’’ बनाने के प्रयास किये जाने चाहिए। शिक्षा/स्वास्थ्य आदि क्षेत्रों में सरकार की नीतियों से स्टार्ट-अप्स को सदैव फायदा होता है।
गूगल के प्रतिनिधि श्री के.सी. अयागिरी ने बताया कि वेन्चर कैपिटलिस्ट एण्ड एक्सीलेरेटर्स के साथ मिलकर, स्टार्ट-अप्स की जरूरतों का पता लगाने और किसी विचार को प्रौद्योगिकी के साथ जोड़कर एक व्यवसाय माॅडल बनाने के लिए गूगल क्लाउड स्टार्ट-अप कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
सिडबी के उप प्रबन्ध निदेशक श्री अजय कुमार ने बताया कि सिडबी ने आईआईटी कानपुर और आईआईएम लखनऊ के साथ उत्तर प्रदेश में वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में इन्क्यूबेशन केन्द्र स्थापित किया गया है। स्टार्ट-अप्स के वित्तपोषण हेतु सिडबी उत्तर प्रदेश के साथ सहयोग हेतु तत्पर है।
भारत, 4750 से अधिक स्टार्ट-अप इकाइयों सहित, वैश्विक रूप से तीसरा बड़ा स्टार्ट-अप हब है तथा भारत का स्टार्ट-अप हब उत्तर प्रदेश स्थित नाॅयडा है जहाॅं पर 1000 से अधिक स्टार्ट-अप इकाइयाॅं कार्यरत हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी आई.टी.-बी.पी.एम. उद्योग तथा स्टार्ट-अप परितंत्र के विकास के लिए अनुकूल वातावरण के सृजन हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा मानव शक्ति के विकास तथा प्रभावी नीतिगत उपायों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया है। प्रदेश सरकार नई ‘‘उ0प्र0 सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति 2017’’ के अन्तर्गत राज्य में स्टार्टअप के लिये एक अनुकूल इकोसिस्टम विकसित करने हेतु महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में विशेष सचिव आई.टी. श्री कुमार प्रशान्त बड़ी संख्या में स्टार्टअप समुदाय, निवेशकों, इन्क्यूबेटर्स, सरकारी अधिकारियों, बैंकर्स, काॅरपोरेट/ नियामक निकायों, शैक्षिक संस्थानों, अन्य अभियन्ताओं, छात्रों इत्यादि सहित, अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उत्तर प्रदेश में विकासमान स्टार्टअप इकोसिस्टम विकसित करने पर पैनल चर्चा में वक्ताओं द्वारा उत्तर प्रदेश में स्टार्टअप से सम्बन्धित महत्वपूर्ण मुद्दों और उनके समक्ष चुनौतियों तथा उन पर नियंत्रण पाने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया गया।
‘’यूपी स्टार्टअप काॅन्क्लेव’’ आयोजन के अन्तर्गत स्टार्टअप पिच-इन चैलेंज, नेटवर्किंग और प्रदर्शनी भी सम्मिलित की गई थी। विचारों के चरण और उत्पादों के चरण के लिये स्टार्टअप्स को लगभग रू0 7.5 लाख की पुरस्कार राशि वितरित की गई। सर्वश्रेष्ठ महिला उद्यमी और सर्वश्रेष्ठ छात्र स्टार्टअप्स इत्यादि जैसे विशेष पुरस्कार भी दिये गयेे।