19.9 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

05 वर्ष की मण्डी शुल्क की छूट की सीमा को बढ़ाकर किया गया 10 वर्ष

उत्तर प्रदेशकृषि संबंधित

लखनऊ: उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल मार्ग निर्देशन में उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनेक उल्लेखनीय कार्य कर रही है। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अपार सम्भावनाओं के दृष्टिगत सरकार द्वारा कई महत्वाकांक्षी जनोपयोगी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।

खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिनांक 23 जुलाई, 2019 को मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश के मंत्री परिषद द्वारा निजी क्षेत्र से अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 में संशोधन किया गया है।  

संशोधन के अनुसार खाद्य प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने वाली इकाईयों को पांच वर्ष की मण्डी शुल्क की छूट की सीमा को बढ़ाकर दस वर्ष किया गया है। मण्डी शुल्क की पांच वर्ष छूट की सीमा के पश्चात आगामी पांच वर्ष के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के तहत एस0जी0एस0टी0 के लिए प्रतिपूर्ति की निर्धारित सीमा एवं व्यवस्था के अनुसार आगामी पांच वर्ष तक जमा किये गये मण्डी शुल्क की प्रतिपूर्ति की जायेगी जिसका प्राविधान उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा विभागीय बजट से किया जायेगा।

उ0प्र0 खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 के अन्तर्गत आनलाइन आवेदन प्राप्त करने हेतु दिनांक 27 जनवरी, 2018 को वेब पोर्टल का लोकार्पण माननीय उप मुख्यमंत्री जी श्री केशव प्रसाद मौर्या द्वारा किया गया था। वेब पोर्टल पर दिनांक 25 जुलाई, 2019 तक 238 आनलाईन आवेदन पंजीकृत हुए हैं, जिनमें 1223 करोड़ का पूंजी निवेश एवं 20490 प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन की सम्भावना है। 238 आवेदनों में पूंजीगत उपादान के 127, पूंजीगत उपादान (पी0एम0एस0एस0वाई0) के 18 ब्याज उपादान के 81, रीफर व्हीकिल के 07, बाजार विकास के 01 तथा बैंकेबुल प्रोजेक्ट के 04 आवेदन हैं।

आनलाईन वेब पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों को राज्य सरकार की राज्य स्तरीय इम्पावर्ड समिति (एस0एल0ई0सी0) द्वारा स्वीकृति प्रदान की जाती है। अब तक एस0एल0ई0सी0 की चार बैठकें हो चुकी हैं। प्रथम बैठक दिनांक 17 अक्टूबर, 2018 में 11 परियोजनाएं (रू0 34 करोड़), द्वितीय बैठक दिनांक 16 जनवरी 2019 में 27 परियोजनाएं (रू0 60 करोड़) तृतीय बैठक दिनांक 26 फरवरी, 2019 में 14 परियोजनाएं (रू0 64.13 करोड़) तथा चतुर्थ बैठक दिनांक 23 जुलाई, 2019 को 45 परियोजनाओं (रू0 218 करोड़) को स्वीकृत किया गया है।   

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत 03 दिवसीय न्याय पंचायत स्तर पर खाद्य प्रसंस्करण जागरूकता शिविर आयोजित कर एक माह का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षार्थियों को लघु इकाई (यथा मसाला, बड़ी, पापड़, तेल, आटा चक्की, दुग्ध से तैयार किये जाने वाले उत्पाद आदि) स्थापित करने हेतु तकनीकी एवं वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजनानतर्गत परियोजना लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम धनराशि (प्लान्ट मशीनरी पर)  रू0 1.00 लाख का अनुदान दिया जाता है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More