लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने बन्द पड़े छविगृहों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। सिने व्यवसाय को आर्थिक रूप से उपादेय बनाने के उद्देश्य से बन्द/घाटे में चल रहे सिनेमाघरों को पुनः संचालित करके 125 या अधिक आसन क्षमता के छोटे सिनेमागृहों में भी सुधार सहित उनके परिसर में व्यवसायिक गतिविधियां प्रारम्भ करने संबंधी शासनादेश जारी किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने बन्द पड़े छविगृहों को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। सिने व्यवसाय को आर्थिक रूप से उपादेय बनाने के उद्देश्य से बन्द/घाटे में चल रहे सिनेमाघरों को पुनः संचालित करके 125 या अधिक आसन क्षमता के छोटे सिनेमागृहों में भी सुधार सहित उनके परिसर में व्यवसायिक गतिविधियां प्रारम्भ करने संबंधी शासनादेश जारी किया जा चुका है।
यह जानकारी मनोरंजन कर आयुक्त श्री मृत्युंज्य कुमार नारायण ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार वर्तमान छविगृहों का उच्चीकरण करने के लिये छविगृहों में उपलब्ध सुविधाओं तथा तकनीकों का आधुनिकीकरण करने के लिए प्रयासरत है। इस संबंध मे जारी शासनादेश में प्रदेश सरकार ने छविगृह में जनसुविधा के विस्तार एवं उन्हें जनोन्मुखी बनाने के उद्देश्य से छविगृहों में आधुनिक ध्वनि प्रणाली, एअर कंडीशनिंग, जनरेटर सेट, फाल्स सिलिंग लगाने एवं समस्त फर्नीचर बदलने तथा वृहद नवीनीकरण हेतु मनोरंजन कर उपादान की नवीन योजना लागू की है।
मनोरंजन कर आयुक्त ने बताया कि इसके अन्तर्गत छविगृह स्वामी को उपरोक्त सुविधाओं पर लिये गये निवेश के 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा तक मनोरंजन कर जो इस सुविधा के बाद अतिरिक्त रूप से जमा किया जायेगा, अनुदान के रूप में अपने पास रखने की अनुमति है जिसे पूर्व वर्ष में जमा किये गये मनोरंजन कर राजस्व के बराबर राजस्व शासकीय कोषागार में जमा करने के उपरान्त दिया जाता है। इसके साथ ही साथ छविगृह में डिजिटल प्रोजेक्शन सिस्टम एवं सौर ऊर्जा से संचालित संयंत्र स्थापित करने की योजना आरम्भ की गयी है। इस योजना के अन्तगर्त निवेश की गयी धनराशि पर 50 प्रतिशत अनुदान दिये जाने की व्यवस्था के संबंध में भी शासनादेश जारी किया जा चुका है।