नई दिल्ली: मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के 30 नेताओं ने इमाम उमैर अहमद इल्यासी के नेतृत्व में आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की।
नेताओं से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वे न तो ऐसी राजनीति में विश्वास करते हैं जो साम्प्रदायिकता के आधार पर लोगों को बांटती है और न ही वे कभी साम्प्रदायिक भाषा का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक की राजनीति ने देश को भारी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि रोजगार और विकास सभी समस्याओं का समाधान है और उनका ध्यान इसी पर केन्द्रित है।
प्रधानमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा कौशल विकास के लिए उठाये गए कदमों और गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर बालिकाओं की शिक्षा तथा पतंग उद्योग में नई जान फूंकने जैसे क्षेत्रों में किए गए कार्यों के बारे में बताया।
प्रधानमंत्री ने शब-ए-बराअत समारोह का व्यस्त अवसर होने के बावजूद नेताओं द्वारा समय निकाल कर उनसे मुलाकात करने की सराहना की।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की प्रशंसा की और कहा कि वे प्रगति एवं विकास के लिए प्रधानमंत्री के साथ भागीदारी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय ने वोट बैंक की बांटने की राजनीति को नकार दिया है और उनकी रुचि विकास में है।
नेताओं ने मुस्लिम युवाओं के एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में कम्प्यूटर देने के प्रधानमंत्री के विजन के लिए उनको बधाई दी। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाये जाने में देश को मिली सफलता के लिए भी प्रधानमंत्री को बधाई दी।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल भी उपस्थित थे।