लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में प्रदेश में गुड़ एवं खाण्डसारी इकाईयों को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया है। इस संबंध में गन्ना मंत्री श्री सुरेश राणा द्वारा खाण्डसारी इकाइयों को बढ़ावा देने हेतु तुरन्त महत्वपूर्ण और ठोस पहल करने के निर्देश दिये गये हैं, जिसके फलस्वरूप अब नई खाण्डसारी इकाइयों के लाइसेंस हेतु चीनी मिल से दूरी 15 कि.मी. से घटाकर 8 कि.मी कर दी गयी है तथा नये लाइसेंस हेतु आॅनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था प्रारम्भ की गई है। गन्ना आयुक्त श्री संजय भूसरेड्डी ने बताया कि खाण्डसारी इकाई के पूर्व स्वीकृत आकार-प्रकार को बढ़ाये जाने के प्रतिबन्ध को भी समाप्त किया गया है व बन्द इकाइयों को चलाने हेतु सुप्त अवधि को क्षम्य करते हुए नवीनीकृत करने, किसी भी प्रकार के परिवर्तन हेतु पूर्व में निर्धारित समय सीमा को समाप्त कर अब कभी भी प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने तथा परिवर्तन हेतु प्राप्त प्रार्थना पत्रों का 15 दिन में निस्तारण किये जाने की व्यवस्था की जा रही है।
श्री भूसरेड्डी ने बताया कि गन्ना किसानों के हित में लिये गये निर्णयों का प्रभाव प्रदेश भर में दिखाई देनेे लगा है तथा लोगों का रुझान अब खाण्डसारी यूनिट की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। कम समय में ही 16 नयी इकाइयों की स्थापना हेतु लाइसेंस जारी किये जा चुके हैं, जिनमें आॅनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था के तहत 6 नवीन खाण्डसारी इकाइयों के लाइसेंस निर्गत किये गये हैं। गन्ने की उपलब्धता तथा कृषकों की गन्ने की समय से पिराई सुनिश्चित करने के दृष्टिगत खाण्डसारी इकाइयों को प्रोत्साहित करने हेतु खाण्डसारी लाइसेंस नीति में बदलाव भी किये गये हैं जिससे अधिक से अधिक इकाइयां आगामी पेराई सत्र में चल सकें।
गन्ना एवं चीनी आयुक्त कार्यालय के सूत्रों के अनुसार 6 नवीन खाण्डसारी इकाइयों के लाइसेंस आॅनलाइन पंजीकरण के माध्यम से आगामी पेराई सत्र 2018-19 हेतु जारी किये गये हैं, जिनकी पेराई क्षमता 9000 कुन्तल प्रतिदिन है। इसी प्रकार ऑफ लाइन पंजीकरण के माध्यम से भी 10 आवेदकों को खाण्डसारी इकाइयों के लाइसेंस जारी किये गए हैं, जिनकी पेराई क्षमता 41000 कुन्तल प्रतिदिन है।