23.7 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

भारत निर्वाचन आयोग उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि के बारे में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू करेगा

देश-विदेश

नई दिल्ली: भारत निर्वाचन आयोग ने निरंतर रूप से सार्वजनिक जीवन में कठिन और उच्च मानकों को अपनाया है। उच्चतम न्यायालय ने 13 फरवरी, 2020 को 2011 की रिट याचिका(सी) संख्या 536 मानहानि याचिका 2018 (सी) संख्या 2192 में संविधान के अनुच्छेद 129 तथा अनुच्छेद 142 का उपयोग करते हुए निम्नलिखित निर्देश दियाः

  1.  राजनीतिक दलों(केंद्र तथा राज्य स्तर पर) के लिए चुने गए उम्मीदवारों  के बारे में  लंबित आपराधिक मामलों(अपराध की प्रकृति तथा अभियोग पत्र की स्थिति,संबंधित न्यायालय, केस नंबर सहित) की जानकारी और उनके चुने जाने के कारण तथा गैर-आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को उम्मीदवार के रूप में चयन नहीं करने के कारणों  की विस्तृत सूचना उनकी वेबासाइटों पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
  2.  चयन के कारणों में उम्मीदवारों की योग्यता, उपलब्धियां तथा मेधा होने चाहिए न कि चुनाव में उसके जीतने की संभावना।
  3. सूचना का प्रकाशन (क) एक स्थानीय भाषाई समाचार पत्र तथा एक राष्ट्रीय समाचार पत्र में (ख) फेसबुक तथा ट्वीटर सहित राजनीतिक दलों की आधिकारिक सोशल मीडिया प्लोटफार्मों पर भी होना चाहिए।
  4. इन सूचनाओं को उम्मीदवार चयन के 48 घंटों के भीतर या नामांकन पत्र दाखिल करने की पहली तिथि से कम से कम दो सप्ताह पहले ,जो भी पहले हो, प्रकाशित करना होगा।
  5.  संबंधित राजनीतिक दल उम्मीदवार चुनने के 72 घंटों के भीतर निर्देशानुसार परिपालन रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करेंगे।
  6. यदि कोई राजनीतिक दल ऐसी परिपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करने में विफल रहता है तो निर्वाचन आयोग निर्देशों का परिपालन नहीं किए जाने का संज्ञान आदेशों/निर्देशों की अवमानना के रूप में उच्चतम न्यायालय के समक्ष लाएगा।

भारत निर्वाचन आयोग उच्चतम न्यायालय के आदेश का हृद्य से स्वागत करता है। यह आदेश चुनावी लोकतंत्र की बेहतरी के लिए नए मानक स्थापित करने में सहायक होगा। इससे पहले आयोग ने 10 अक्टूबर 2018 को उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि का प्रचार सुनिश्चित करने के लिए हलफनामे के संशोधित रूप के साथ विस्तृत निर्देशों/दिशानिर्देशों को जारी किया था।इसे नवंबर,2018 से क्रियान्वित किया जा रहा है। अब, आयोग इन निर्देशों को दोहराने का प्रस्ताव करता है ताकि सच्ची भावना से  उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को लागू किया जा सके।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More