लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों, पुलिस प्रशासन तथा जिला विद्यालय निरीक्षकों को आगामी 18 फरवरी, 2020 से शुरू हो रही बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन ढंग से संचालित करने के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। साथ ही, विभिन्न जनपदों में परीक्षा के सम्बन्ध में की गई तैयारियों की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरे प्रदेश में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं की शुचिता के साथ-साथ इन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ सम्पन्न कराने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान मौजूद विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा रजिस्ट्रारों को भी अपने यहां नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने बोर्ड की परीक्षाओं के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने जनपदों में नकलविहीन व शांतिपूर्ण परीक्षा संचालन के लिए सम्बन्धित अधिकारियों, प्रभावशाली नागरिकों तथा अभिभावकों की बैठकें सुनिश्चित करें। उन्होंने कण्ट्रोल एवं माॅनीटरिंग सेण्टर पर प्रशासनिक अधिकारी, सेक्टर मजिस्ट्रेट तथा स्टैटिक मजिस्ट्रेट की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। नकल पर अंकुश हेतु धारा 144 सहित अन्य एहतियाती उपाय करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्र के आसपास फोटो काॅपियर दुकानों पर रोक लगायी जाए। साथ ही, सचल दल के लिए वाहनों की समुचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने परीक्षा अवधि तथा रात्रि 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूरी परीक्षा के दौरान निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विद्यार्थियों को तैयारी करने में किसी प्रकार की अड़चन न आए। उन्होंने परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षार्थियों के स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी के उपचार हेतु स्वास्थ्य विभाग को सजग रहने तथा प्रत्येक केन्द्र में प्राथमिक उपचार किट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा केन्द्र हेतु पहुंच मार्ग तथा सार्वजनिक यातायात की सुगम व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, परीक्षा केन्द्र तथा कक्ष में अनधिकृत व्यक्तियों के प्रवेश पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने एल0आई0यू0 के माध्यम से संवेदनशील/अतिसंवेदनशील परीक्षा केन्द्रों की विशेष निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा केन्द्रों, प्रश्नपत्र संकलन केन्द्र तथा उत्तर पुस्तिका संकलन केन्द्र पर व्यापक और प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सचलदल हेतु सशस्त्र पुलिस बल की व्यवस्था करने को कहा। वाह्य नकल की रोकथाम के लिए सम्बन्धित क्षेत्राधिकारी/थानाध्यक्ष की प्रभावी पेट्रोलिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने केन्द्र व्यवस्थापकों की सुरक्षा व्यवस्था विषयक समस्याओं का त्वरित निदान करने के लिए कहा। परीक्षा कार्य में बाधक तत्वों के विरुद्ध संज्ञेय अपराध के अन्तर्गत कार्यवाही की जाए। उन्होंने परीक्षा से सम्बन्धित प्रश्नपत्रों तथा अन्य सामग्री के अनुचित मुद्रण अथवा प्रकाशन पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए कहा। साथ ही, सोशल मीडिया की कड़ी निगरानी करने के निर्देश दिए, ताकि किसी भी प्रकार अफवाह न फैलायी जा सके। उन्होंने अफवाह फैलाने वालों पर विशेष ध्यान देने और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने जिला विद्यालय निरीक्षकों को समस्त परीक्षा केन्द्रों का शत-प्रतिशत स्थलीय निरीक्षण कर आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कक्ष निरीक्षकों तथा केन्द्र व्यवस्थापकों की नियुक्ति करने के साथ-साथ उनके पहचान पत्र जारी किए जाएं। इसके अलावा, प्रश्नपत्रों एवं उत्तर पुस्तिकाओं के सुरक्षित रख-रखाव की व्यवस्था का प्रभावी पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सचल दलों का गठन एवं परीक्षा केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सचल दलों में अच्छी छवि वाले अधिकारियों को शामिल किया जाए। अनुचित साधन प्रयोग से सम्बन्धित सूचना का समय से प्रेषण करते हुए विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। परीक्षा केन्द्रों की लाइव माॅनीटरिंग की जाए। शिकायतों की सी0सी0टी0वी0 फुटेज/रिकाॅर्डिंग से जांच की जाए और 24 घंटे के अन्दर उन्हें निस्तारित किया जाए। आवश्यकता पड़ने पर छात्राओं की तलाशी महिला शिक्षिका द्वारा ही ली जाए। यदि कक्ष निरीक्षकों की कमी पड़ती है तो बेसिक शिक्षा परिषद के अध्यापकों को लगाया जाय। उन्होंने जनपद सुल्तानपुर के परीक्षा केन्द्रों की जांच शासन द्वारा गठित समिति द्वारा कराने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने जौनपुर, गाजीपुर, सुल्तानपुर, आजमगढ़, देवरिया, बलिया, अलीगढ़, फिरोजाबाद, एटा, बिजनौर, बागपत, सहारनपुर, इटावा, आगरा, बांदा, मथुरा, मुजफ्फरनगर, हरदोई और प्रयागराज के अधिकारियों से परीक्षा की तैयारियों की विस्तृत जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि परीक्षा केन्द्र में प्रबन्धक तथा उनके सम्बन्धी किसी भी हाल में प्रवेश न कर पाएं। जिन केन्द्रों पर परीक्षा में गड़बड़ी हो, उन्हें अगली बार डिबार कर दिया जाए। उन्होंने मोबाइल फोन और डिजिटल माध्यमों से नकल पर हर हाल में रोक लगाने के निर्देश दिए। कक्ष निरीक्षकों के पास किसी भी हाल में मोबाइल फोन न हो। परीक्षा केन्द्र के चुनाव में जिला विद्यालय निरीक्षक और संयुक्त निदेशक शिक्षा पूरी सावधानी बरतें। यह सुनिश्चित करें कि किसी भी हाल में नकल न होने पाए।
मुख्यमंत्री जी ने विश्वविद्यालयी परीक्षाओं को भी पूरी शुचिता के साथ सम्पन्न कराने के निर्देश दिए। उन्होंने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मौजूद सभी कुलपतियों तथा रजिस्ट्रार को बैठक कर नकलविहीन परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए कार्यक्रम बनाने के निर्देश दिए। नकल के लिए बदनाम महाविद्यालयों इत्यादि को परीक्षा केन्द्र न बनाया जाए। उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों द्वारा परीक्षा के लिए कार्यक्रम बनाकर अप्रैल माह तक परीक्षा पूर्ण करवाकर जून तक परिणाम घोषित करने के लिए कहा। उन्होंने विश्वविद्यालयों की परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्रों की सी0सी0 टी0वी0 से माॅनीटरिंग करने तथा फ्लाइंग स्क्वाॅयड के माध्यम से निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग को उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार परीक्षाओं की शुचिता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने पूरे प्रदेश में नकलविहीन बोर्ड परीक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी अधिकारियों का आह्वान करते हुए कहा कि परीक्षाओं की लाइव माॅनीटरिंग की जाएगी। उन्होंने परीक्षा केन्द्रों पर जेनरेटर्स की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने संवेदनशील जनपदों में हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट की परीक्षाओं में रंगीन काॅपियों के इस्तेमाल के विषय में भी जानकारी दी। साथ ही, परीक्षा केन्द्रों की माॅनीटरिंग के लिए इण्टरनेट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों तथा रजिस्ट्रार से शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार समयबद्धता के साथ सभी परीक्षाएं करवाने के निर्देश दिए। मूल्यांकन के दौरान किसी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश हर हाल में प्रतिबंधित किया जाए।