लखनऊ: शिक्षक निर्माण के लिए जाना जाता है। बालक को सम्यक दिशा की तरफ उन्मुख करने का कार्य शिक्षक का है। अतः शिक्षक चिंतामुक्त होकर अध्यन अध्यापन में लगे। रोजगार परक शिक्षा, कामन पाठ्यक्रम, शोध पीठ को सरकार क्रियान्वित कर रही है। ये बातें एसआर ग्रुप ऑफ इंस्टिटूशन में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री प्रो दिनेश शर्मा ने कही । उन्होंने कहा कि जीवन जीने की कला सिखाने का कार्य शिक्षक का है। विश्वविद्यालय व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में नकल पर नकेल लगाने के लिए पूरे सिस्टम में परिवर्तित किया गया है । अब केंद्रों का निर्धारण कंप्यूटर सिस्टम के माध्यम से पारदर्शिता पूर्ण किया जा रहा है । एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को लागू करके सस्ती पुस्तकें सरकार ने उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक कार्य किया। विश्वविद्यालय व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को शीघ्र दूर किया जा रहा है और 2 वर्ष से कम समय में सरकार ने 205 विद्यालय खुले हैं जिनमें 166 विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया है । उन्होंने राष्ट्रीय शैक्षिक संगठन से आवाहन किया की शिक्षा व्यवस्था के गुणात्मक व पारदर्शी सुधार के लिए अपने सुझाव दें। श्री शर्मा ने संगठन के सफलतापूर्वक 23 वर्षों तक उसके अभूतपूर्व योगदान के लिए धन्यवाद एवं बधाई दी।
विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने कहा की किसी भी संगठन को संचालित करने के लिए कार्यकर्ता, कार्यालय, कार्यक्रम व कोष की जरूरत होती । इनमें कार्यकर्ता जीवंत व्यक्ति है जो संगठन को ताकत देता है। संगठन के कार्यकर्ताओं के भाव और भाषा जब मेल खाती है तो संगठन शिखर पर पहुंचता है। लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुरेंद्र प्रताप सिंह ने शिक्षकों को उनके कर्तव्य बोध के लिये आत्म चिंतन करने की सलाह और संगठन की उपलब्धियों एवं शैक्षिक जगत में इसके योगदान की सराहना की तथा उच्च शिक्षा संवर्ग के राष्ट्रीय प्रभारी महेंद्र कुमार ने उच्च शिक्षा में व्याप्त विसंगतियों के निराकरण को प्रभावी उपाय बताया और संगठन के नाते समाज के प्रति कर्तव्यों के निर्वहन का आग्रह किया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए एसआर ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के चेयरमैन श्री पवन सिंह चैहान ने अतिथियों व सम्मिलित समस्त शिक्षकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
स्थापना दिवस कार्यक्रम के पूर्व हुई बैठक में प्राथमिक, माध्यमिक , उच्च शिक्षा तथा तकनीकी शिक्षा की समस्याओं पर विचार विमर्श हुआ और उन्हें शासन से निराकरण कराने का आग्रह उपमुख्यमंत्री से किया गया।