केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 15 राज्यों और लगभग 500 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का प्रतिनिधित्व कर रहे फेडरेशन ऑफ इंडियन एफपीओ एंड एग्रीगेटर्स (एफआईएफए) के कृषक उत्पादक संगठनों के सदस्यों के साथ आज कृषि भवन में मुलाकात की। उन्होंने भारत सरकार द्वारा हाल में किए गए कृषि सुधारों के प्रति अपना समर्थन प्रकट किया। उन्होंने अनुकूल माहौल बनाने के लिए केन्द्रीय मंत्री के प्रति आभार प्रकट किया, जो इन अधिनियमों के माध्यम से एफपीओ संगठनों का व्यवसाय बढ़ाकर छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुंचाकर संभव हुआ है।
हाल में किए गए कृषि सुधारों में कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020; कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020; आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत नियंत्रण आदेशों का लचीलापन; 10,000 एफपीओ को प्रोत्साहन के लिए कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) और परिचालन दिशा-निर्देश शामिल हैं, जो किसानों की आय बढ़ाने के लिए एफपीओ को अपने बाजारों की स्थापना में समर्थन दे सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में इन सुधारों के होने से बागवानी फसलों और मूल्य वर्धित वस्तुओं के उत्पादन की मात्रा बढ़ेगी; छोटे किसानों तथा किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत करने के लिए संस्थागत ऋण की सुविधा मिलेगी; एग्री-लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्रमुख रूप से बढ़ावा मिलेगा; भारत के सभी उपभोग क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए हर प्रकार के संपर्क विकसित करेगा; यह एक देश एक बाज़ार की अवधारणा को बढ़ावा देगा और एफपीओ आंदोलन को एक जन आंदोलन बना देगा।
नाफेड(नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के 10000 एफपीओ कार्यक्रम के गठन तथा संवर्धन के लिए राष्ट्रीय कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक के रूप में नामित किया गया है। नाफेड ने एफआईएफए का अपनी उपज के लिए एफपीओ की बाजार संपर्क सहायता प्रदान करने और नाफेड ई-किसान मंडी (एनईकेएम) के ब्रांड के तहत एफपीओ के साथ साझेदारी में बाजार बनाने के वास्ते अधिग्रहण किया है जो नाफेडद्वारा बनाए गए राष्ट्रीय डिजिटल विपणन मंच से जुड़ा होगा।
निम्नलिखित राज्यों में 2021 में 50 नाफेड ई-किसान मंडियां बनाई जाएंगी:
हरियाणा | 3 |
पंजाब | 2 |
राजस्थान | 3 |
मध्य प्रदेश | 3 |
गुजरात | 5 |
महाराष्ट्र | 8 |
कर्नाटक | 3 |
तमिलनाडु | 4 |
आंध्र प्रदेश | 3 |
तेलंगाना | 1 |
झारखंड | 2 |
बिहार | 2 |
छत्तीसगढ़ | 1 |
ओडिशा | 2 |
उत्तर प्रदेश | 4 |
जम्मू और कश्मीर | 1 |
पूर्वोत्तर | 3 |