लखनऊः केंद्रीय मंत्री मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय श्री परषोत्तम रूपाला ने कहा है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में पशुधन का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान 4.1 प्रतिशत है, तथा प्रदेश में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र की कुल जीडीपी में पशुधन का योगदान 27.25 प्रतिशत है। पशुधन क्षेत्र विदेशी मुद्रा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और उत्त्र प्रदेश में डेयरी, ऊन, पोल्ट्री और अन्य मूल्यवर्धित उत्पादों के निर्यात के लिए विकास की अपार संभावनाएं है इसलिए पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता विकास को बढ़ावा दिया जाये। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में पशु रोग नियंत्रण, पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास के साथ साथ मत्स्य विकास के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाए जाने पर बल दिया जाये।
केन्द्रीय कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में आज यहा पशुपालन निदेशालय के सभागार में ‘‘केन्द्रीय योजनाओं की समीक्षा एवं पशुपालन, मत्स्य एवं दुग्ध विकास से जुड़े उद्यमियों से वार्ता’’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री रूपाला जी द्वारा प्रदेश में पशुपालन अवस्थापना विकास अंतर्गत दुग्ध विपणन एवं कैटिल फीड से जुड़ी संस्थाओं को प्रदेश की आवश्यकता के अनुसार उत्पादन हेतु योजना का लाभ लिए जाने की अपेक्षा की गयी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक पशुपालकों और मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड देकर लाभान्वित किया जाये। कार्यक्रम में आये उद्यमियों के विचार एवं समस्याएं सुनते हुए केन्द्रीय मंत्री द्वारा यथाशीघ्र उनकी समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया गया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत सरकार की अम्ब्रेला स्कीम ‘‘पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना’’ की गाईडलाइन्स अंतर्गत सम्मिलित योजना ‘‘पशुचिकित्सालयों एवं पशु सेवा केन्द्रों का सुदृृढ़ीकरण-मोबाईल वेटेरिनरी यूनिट’’ अंतर्गत पशुचिकित्सा सेवा पशुपालकों के द्वार पर उपलब्ध कराने एवं उसका अच्छादन बढ़ाने के लिए प्रत्येक एक लाख पशुधन की संख्या पर एक मोबाईल यूनिट की स्थापना की व्यवस्था गयी है और इस क्रम में 520 वेटरनरी मोबाइल यूनिट प्रदेश को दी जा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार को इस योजना को अबिलम्ब क्रियान्वित किए जाने पर भी बल दिया।
पशुधन एवं डेयरी क्षेत्र में संचालित केंद्रीय योजनाओं की व्यापक प्रचार-प्रसार की अपेक्षा करते हुए अधिक से अधिक उद्यमियों को आकर्षित करने एवं योजना से जुडने की अपेक्षा की ।
प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने राज्य सरकार द्वारा गेावंश के संरक्षण एवं सुरक्षा हेतु तथा पशुपालन के माध्यम से कृषकों की आय दुगनी किए जाने से अवगत कराया गया। उन्होंनें कहा कि पशुधन, डेयरी एवं मत्स्य क्षेत्र की लाभकारी योजनाओं से प्रदेश का किसान आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने प्रदेश स्तर पर विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के सापेक्ष निरन्तर की जा रही प्रगति एवं इन योजनाओं के सापेक्ष उपलब्ध कराए गये वित्तीय संसाधनों से अवगत कराया ।
श्री लक्ष्मी नारायण चौधरी द्वारा प्रदेश में पशु रोग नियंत्रण, पशु प्रजनन एवं पशुओं से मनुष्यों में होने वाली विभिन्न बीमारियों के सापेक्ष विभाग की तत्परता से भी अवगत कराया गया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम अंतर्गत प्रगति को प्राप्त करने हेतु समस्त संबन्धित कार्य किए जा रहे हैं। इनाफ पोर्टल पर डाटा अपलोड करने में भी प्रदेश द्वारा अबिलम्ब कार्यवाही पूर्ण की जायेगी।
राज्य मंत्री जय प्रकाश निषाद द्वारा प्रदेश में कृषकों की आय दुगनी किए जाने में पशुपालन की महत्ता पर बल दिया गया।
कार्यक्रम में श्री अतुल चतुर्वेदी, सचिव, भारत सरकार द्वारा समस्त मंचासीन गणमान्य व्यक्तियों एवं अन्य प्रतिभागियों का अभिवादन करते हुए उन्हें भारत सरकार द्वारा जनमानस को लाभान्वित किए जाने से संबन्धित योजनाओं से अवगत कराया गया। प्रदेश में अधिक संख्या में गोवंशीय एवं महिषवंशीय दुधारू पशुओं से उन्नत प्रजाति की संतति प्राप्त करने के लिए राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान में कम प्रगति पर रोष व्यक्त किया गया एवं लक्ष्य के अनुसार प्रगति प्राप्त करने हेतु जनपदवार कार्ययोजना विकसित करते हुए कार्यवाही हेतु सुझाव दिए गये।
श्री ओ0 पी0 चौधरी, संयुक्त सचिव भारत सरकार द्वारा एन0एल0एम0 अंतर्गत प्रदेश से कम प्रस्ताव प्राप्त होने के संबन्ध में अवगत कराया गया एवं आर0जी0एम0 योजनान्तर्गत कम कृत्रिम गर्भाधान एवं कम बोवाईन आच्छादन को बढ़ाने पर बल दिया गया।
प्रदेश के प्रमुख सचिव, पशुधन श्री सुधीर गर्ग द्वारा प्रदेश में क्रियान्वित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के समय प्रत्येक योजनाओं में आशातीत प्रगति प्राप्त करने हेतु आश्वासन दिया गया।
बैठक में विधायकगण एवं भारत सरकार के मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उच्चाधिकारी-, श्रीमती वर्षा जोशी, संयुक्त सचिव, मत्स्य, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, डा0 भूषण त्यागी, संयुक्त आयुक्त ,डा0 लिपी साइरिवाल, सहायक आयुक्त श्री सबेश्वर माझी, अनु सचिव, श्री सिद्धार्थ शंकर, एस0 एस0 ओ0, श्रीमती उमा अईयर रावला, ओ0 एस0 डी0 (पी.आर.एवं सी.) पशुपालन एवं डेयरी विभाग, भारत सरकार, नई दिल्ली तथा उद्यमियों कृषकों/पशुपालकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। इसके अतिरिक्त बैठक में दुग्ध आयुक्त श्री शशिभूषण लाल सुशील, पशुपालन विभाग के निदेशक के डा0 एस0 के0 मलिक , डा0 इन्द्रमणि तथा अपर निदेशक डा0 अरविन्द सिंह उपस्थित थे।