लखनऊ: प्रदेश सरकार ने प्रदेश किसानों को बड़ी राहत देते हुए यूरिया के दाम को प्रति बोरी करीब 30 रुपये कम करने का प्रयास किया है। इसके लिए सरकार प्राकृतिक गैस पर लगने वाले वैट दर को संशोधित कर दिया है। वाणिज्यकर विभाग द्वारा तैयार किए गये इससे संबंधित प्रस्ताव को मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा बताया कि वाणिज्य कर विभाग द्वारा प्रदेश में प्राकृतिक गैस पर लिए जा रहे वैट दर को कम किया गया है। जिससे किसानों अब अन्य राज्यों की तरह सस्ते दाम पर यूरिया उपलब्ध हो सकेगी।
इस बारे में अपर मुख्य सचिव वाणिज्य कर आलोक सिन्हा ने बताया कि अब तक प्रदेश में खरीद-बिक्री (ट्रेडिंग) से जुड़ी इकाइयों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले प्राकृतिक गैस पर 21 प्रतिशत वैट और 5 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लिया जा रहा है। इस प्रकार से कुल 26 प्रतिशत टैक्स लिया जाता है। जबकि निर्माता इकाइेयों से 5 प्रतिशत वैट व 5 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स यानि कुल 10 प्रतिशत टैक्स लिया जाता है। इनमें यूरिया उत्पादन इकाइयां भी शामिल हैं।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि यूरिया उत्पादन करने वाली इकाईयों पर लगने वाले 5 प्रतिशत वैट के बराबर केन्द्र सरकार से अनुदान मिलता है, लेकिन केन्द्र द्वारा 5 प्रतिशत अरिक्त कर को संज्ञान में नहीं लिया जाता है।
अर्थात उत्पादन इकाइयों को इस 5 प्रतिशत कर की भरपाई के लिए किसी प्रकार का अनुदान नहीं मिलता है। इस वजह से अन्य राज्यों की तुलना में यूपी में यूरिया के दाम करीब 30 रुपये प्रति बोरी अधिक है। उन्होंने बताया कि इस विषमता को खत्म करने के लिए ही वैट दर को युक्ति संगत बनाने के लिए नया स्लैब बनाया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्राकृतिक गैस का वितरण करने वाली कई कंपनियों ने सरकार से अनुरोध किया था कि 26 प्रतिशत टैक्स काफी अधिक है। उनके द्वारा कुछ निर्माता कंपनियों को भी प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की जाती है और ट्रेडिंग इकाई होने के नाते उन्हें निर्माता कंपनियों से भी 26 प्रतिशत वैट चार्ज करना पड़ता है। इसलिए वैट दर को युक्ति संगत बनाया जाए।
इसके मद्देनजर ही सरकार ने दोनों श्रेणी की इकाइयों पर लगने वाले 5 प्रतिशत अतिरिक्त कर को समाप्त करते हुए वैट दर का नया स्लैब बनाया गया है। इसके मुताबिक अब यूरिया उत्पादन ईकाइयों को उपयोग किए जाने वाले प्राकृतिक गैस पर 14.5 प्रतिशत वैट लिया जाएगा। जबकि अन्य निर्माता व ट्रेडिंग इकाइयों के लिए यह दर 10 प्रतिशत कर दी गई गया है। अर्थात अब 26 प्रतिशत वैट केस्लैब को समाप्त कर दिया गया है।
सरकार का मानना है कि वैट दर में संशोधन के बाद अब केन्द्र द्वारा यूरिया उत्पादन पर लिए जाने वाले वैट (14.5) के बराबर केन्द्र से सरकार से अनुदान मिल पाएगा। जिससे यूपी में यूरिया का दाम अब अन्य राज्यों के बराबर होगा। दाम में प्रति बोरी (50 किलो ग्राम) करीब 30 रुपये की कमी आएगी। साभार अमर उजाला