नई दिल्ली: भारतीय रेल और महिला यात्रियों के लिए 5 मई खुशी का दिन है। कल मुम्बई के चर्चगेट और बोरीवली के बीच 05 मई, 1992 को चलाई गई पहली महिला स्पेशल रेलगाड़ी के परिचालन की 26वीं वर्षगांठ है। 05 मई, 1992 को चर्चगेट और बोरीवली के बीच विश्व की पहली महिला स्पेशल रेलगाड़ी चलाई गई थी। भारतीय रेल द्वारा पूरी तरह महिलाओं के लिए समर्पित यह ट्रेन मील का पत्थर है। प्रारंभ में इसका परिचालन पश्चिम रेलवे के चर्चगेट और बोरीवली के बीच हुआ और 1993 में इसका विस्तार करके वीरार तक चलाना शुरू किया गया।
महिला स्पेशल ट्रेन महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई, क्योंकि पहले उन्हें नियमित रेलगाडि़यों में महिला कम्पार्टमेंट में प्रवेश के लिए संघर्ष करना पड़ता था। इस ट्रेन को पूरी तरह समर्पित करने का उद्देश्य था कि महिलाएं आराम से यात्रा कर सकें। अति व्यस्त उपनगरीय लाइनों पर सफलतापूर्वक 26 वर्षों से चल रही महिला स्पेशल ट्रेन को महिला यात्री वरदान मानती है।
तब से महिला यात्रियों में सुरक्षा भाव भरने के लिए भारतीय रेल ने अनेक नवाचारी उपाय किये। अनेक महिला कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। पश्चिम रेलवे ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पिछले वर्ष नये सुरक्षा उपाय के रूप में टॉक बैक प्रणाली लगाई। इस प्रणाली में आपात स्थिति में इकाई में स्थापित बटन को दबाकर किसी की लेडिज कोच की महिला यात्रियों और ट्रेन के गार्ड से दोतरफा संवाद कायम किया जा सकता है। यह महिला यात्रियों के लिए सुरक्षा और चिकित्सा की आपात स्थितियों में लाभकारी है।