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“लक्ष्य प्राप्ति के लिये प्रौद्योगीकी हस्तांतरण और वित्तीय आवश्यकता का हल जरूरी”: श्री अनिल माधव दवे

देश-विदेश

नई दिल्ली: ब्रिक्स देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने आज संयुक्त कार्य समूह की स्थापना और पर्यावरण सम्बंधी विषयों पर पारस्परिक सहयोग को लामबंद करने के लिये एक सहमति-दस्तावेज को मंजूरी दी। मंत्रिस्तरीय घोषणा में प्रमुख समझौतों को रेखांकित किया गया है जिन्हें आम सहमति के बाद अपनाया गया है। पारस्परिक सहयोग के क्षेत्रों में वायु एवं जल प्रदूषण पर नियंत्रण और कमी, तरल एवं ठोस कचरे का कारगर प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और जैव-विविधता का संरक्षण शामिल है। इसकी घोषणा आज गोवा में आयोजित होने वाले ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों के सम्मेलन की दूसरे दिन की बैठक के समापन पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अनिल माधव दवे ने एक प्रेस वार्ता में की। यह बैठक ब्रिक्स देशों के बीच आधिकारिक चर्चा होने के एक दिन पहले हुई।
श्री दवे ने कहा कि प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और वित्त ऐसे दो मुद्दे हैं जिन्हें लक्ष्य हासिल करने के लिये हल किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स की इस सम्बंध में प्रमुख भूमिका है। मंत्री महोदय ने कहा कि वायु की गुणवत्ता, जल प्रबंधन और ठोस कचरा प्रबंधन पर चर्चा के दौरान कुछ सहमति बनी है। पर्यावरण मंत्री ने जल स्रोतों को संरक्षित करने पर विशेष जोर दिया।
ब्रिक्स देशों के मंत्रियों ने विकसित देशों से अपील की कि वे विभिन्न वैश्विक पर्यावरण समझौतों और सतत विकास लक्ष्यों से सम्बंधित अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करें। ब्रिक्स देशों ने रियो घोषणा के सिद्धांतों के प्रति अपनी कटिबद्धता दोहराई।
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका की मिश्रित आबादी पूरे विश्व की आबादी का 46 प्रतिशत है, उसके पास पूरे विश्व के भूभाग का 29.31 प्रतिशत क्षेत्र और पूरे विश्व के सकल घरेलू उत्पाद में 22 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वहां समृद्ध जैव-विविधता और प्राकृतिक सम्पदा का भंडार है। ब्रिक्स देशों की आवाज पूरे विश्व में महत्व रखती है।
ब्राजील का नेतृत्व वहां के पर्यावरण मंत्रालय में अंतराष्ट्रीय मामलों के विभाग के राजदूत श्री फर्नान्डो कोयम्ब्रा, रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्राकृतिक संसाधन एवं पर्यावरण मंत्री श्री सर्गेई डॉन्स्की, चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण सुरक्षा के उप-मंत्री श्री चाओ इंगमिन और दक्षिण अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पर्यावरण मामलों की मंत्री सुश्री एडना मोलेवा ने किया।
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव श्री अजय नारायण झा, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष सचिव श्री रजनी रंजन रश्मि, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री रवि शंकर प्रसाद और मंत्रालय के अन्य आला अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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