लखनऊ: प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग श्री नवनीत सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत निर्धारित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) की महात्वाकांक्षी योजनाओं के तहत इस वर्ष प्रदेश में 800 करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्थापित कराई जायेंगी, इनके सापेक्ष भारत सरकार ने 257.72 करोड़ रुपये की सब्सिडी राज्य सरकार के लिए निर्धारित की है। विगत वर्ष 2018-19 में लगभग 600 करोड़ रुपये की परियोजनाएं उत्तर प्रदेश में स्थापित हुई, जिसके लिए भारत सरकार की ओर से 190 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी प्रदान की गई है।
श्री सहगल आज खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के सभाकक्ष में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गत वित्तीय वर्ष में इस योजना के माध्यम से लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2019-20 में 01 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इन इकाइयों की स्थापना से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन को तीव्र गति मिलेगी।
प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि लाभार्थियों के चयन और उनके प्रस्तावों को बैंकों में भेजने की प्रक्रिया प्रत्येक दशा में आगामी 15 जून से शुरू कर ली जाये। राज्य सरकार ने प्रदेश में उद्यम स्थापना के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता की श्रेणी में रखा है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही और उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी। उन्होंने बैकों से आग्रह किया कि वे रोजगार सृजन के तहत प्राप्त ऋण प्रस्तावों को एक माह के अन्दर निस्तारित करें, ताकि लाभार्थी को ऋण प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और वे सहजता से अपना रोजगार शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि बैंक आवेदन पत्र बिना पर्याप्त कारण के निरस्त न करें।
श्री सहगल ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को देखते हुए भारत सरकार द्वारा सफल उद्यमियों को बेहतर सहयोग प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को ऋण परियोजना के सापेक्ष एक करोड़ रुपये तक का द्वितीय ऋण स्वीकृत करने की व्यवस्था की गई है। इसमें सभी लाभार्थियों को स्वीकृत परियोजना राशि का 15 प्रतिशत अनुदान देने का प्राविधान किया गया है। इस योजना का लाभ सभी मुद्रा लोन तथा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत उद्यम स्थापित करने वाली इकाइयों को 03 साल तक सफलतापूर्वक कार्य करने पर पात्रता की श्रेणी में माना गया है। इसके लिए अलग से अनुदान धनराशि की भी व्यवस्था की गई है।
प्रमुख सचिव ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लगाई गई इकाइयों के भौतिक सत्यापन शीघ्र कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इकाइयों का सत्यापन अत्यंत आवश्यक है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सहयोग किया जा सके। इसके साथ ही इकाइयों को बेहतर लाभ एवं सुधारात्मक सहयोग प्रदान करने में सुविधा हो सके।
बैठक में आयुक्त एवं निदेशक उद्योग श्री के0 रवीन्द्र नायक ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत गत वित्तीय वर्ष में प्राप्त उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम को प्रभावी रूप से क्रियान्वित किया गया और लोगों में इसके प्रति विशेष उत्साह दिखाई दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोजागार कार्यक्रमों को क्रियान्वित करने की विशेष रणनीति उद्योग विभाग ने बनाई है। उन्होंने बैठक में आश्वस्त किया कि इस कार्यक्रम के लक्ष्यों को गुणात्मकता के आधार पर पूर्ण किया जायेगा।