कटरा: जम्मू कश्मीर के कटरा में त्रिकुटा की पहाडिय़ों पर स्थित मां वैष्णो देवी के तीर्थयात्रियों के लिए अब भैरों मंदिर के दर्शन करना आसान हो जाएगा क्योंकि अगले वर्ष मार्च-अप्रैल से भवन से भैरों घाटी के बीच रोपवे सेवा शुरू हो जाएगी। श्रीमाता वैष्णो देवी तीर्थस्थल बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत साहू ने आज यहां एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं को बताया कि अगले वर्ष मार्च-अप्रैल से भैरों मंदिर के लिए रोपवे सेवा शुरू हो जाएगी।
हर घंटे 800 यात्री करेंगे सफर
पचास करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से बन रहे जम्मू संभाग के इस पहले रोपवे से हर घंटे 800 यात्री आवाजाही कर सकेंगे। उल्लेखनीय है कि भैरों घाटी स्थित भैरों मंदिर का दर्शन किए बगैर वैष्णो देवी की यात्रा पूरी नहीं मानी जाती। समुद्र तल से 6619 फुट की ऊंचाई पर स्थित भैरो मंदिर की दूरी भवन से दो किलोमीटर है लेकिन चढ़ाई खड़ी होने के कारण यात्रा मुश्किल मानी जाती है।
वाई फाई की सुविधा
साहू ने बताया कि यात्रा मार्ग पर वाई फाई की सुविधा के लिए कई एजेंसियों से बातचीत चल रही है। उन्होंने बताया कि वैष्णोदेवी यात्रियों को भूस्खलन से बचाने के लिए ऐसी स्कैङ्क्षनग मशीन लगाने का प्रस्ताव है जो पहाड़ों के अंदर की हलचल से संभावित भूस्खलन का पहले ही पता लगा ले। साथ ही इस पर नियमित रूप से नजर रखने के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद लेने की भी योजना है।
33 खतरनाक स्थानों की पहचान
सीईओ ने बताया कि फिलहाल नेशनल इंस्टीच्यूट आफ राक मैकेनिक और आईआईटी रूडकी जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों की मदद से यात्रा मार्ग पर 33 ऐसे स्थानों की पहचान की गई जो खतरनाक हैं। तकनीकी सुझाव के आधार पर इनके उपचार के लिए राकफाल बैरियर जैसे उपाय किए जा रहे हैं। स्वीडन की एक कंपनी के मदद से पांच स्थानों का उपचार किया जा चुका है। साहू ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक टीम हर हफ्ते पूरे यात्रा मार्ग का निरीक्षण करती है। यदि कहीं लटकते हुए असुरक्षित पहाड़ दिखते हैं तो उन्हें तुरंत दुरूस्त किया जाता है। साहू ने बताया कि पूरे 16 किलामीटर तक मोटे शेड लगाए गए ताकि पस्सियां गिरने पर लोगों का बचाव हो सके।
साभार पंजाब केसरी