लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने चकबन्दी लेखपाल के 1364 सीधी भर्ती के पदों पर भर्ती की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का निर्णय लिया है। ज्ञातव्य है कि इन 1364 पदों में से अनारक्षित श्रेणी के 1002 पदों तथा अनुसूचित जाति श्रेणी के 362 पदों का विज्ञापन निकाला गया, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी तथा अनुसूचित जनजाति श्रेणी के एक भी पद का विज्ञापन नहीं दिया गया। इसके दृष्टिगत शासन द्वारा भर्ती की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए प्रकरण की जांच कराए जाने का निर्णय भी लिया गया है।
इस सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार द्वारा प्रदेश के चकबन्दी आयुक्त को सम्बोधित एक पत्र में यह कहा गया है कि शासन द्वारा सम्यक विचारोपरान्त यह पाया गया कि चकबन्दी लेखपालों की सीधी भर्ती के विज्ञापित कुल 1364 पदांे में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के पदों का विज्ञापन किन परिस्थितियों में नहीं किया गया और यदि चकबन्दी लेखपाल के सीधी भर्ती के पदों में अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग का आरक्षण कोटा पूर्व से ही भरा हुआ है, तो ऐसा क्यों और किन परिस्थितियों में किया गया, इस बिन्दु की जांच आवश्यक है।
अपर मुख्य सचिव राजस्व ने चकबन्दी आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई करते हुए कृत कार्यवाही से शासन को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में शासन द्वारा उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से इस भर्ती प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोकते हुए और भर्ती के सम्बन्ध में पूर्व में जारी किए गए विज्ञापन के शीघ्र निरस्तीकरण की कार्रवाई करने की अपेक्षा भी की गई है।
ज्ञातव्य है कि उ0प्र0 अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चकबन्दी लेखपाल (सामान्य चयन) प्रतियोगितात्मक परीक्षा 2019 के सम्बन्ध में विज्ञापन संख्या-03-परीक्षा/2019 जारी किया गया। उक्त विज्ञापन की सारिणी-1 में चकबन्दी लेखपाल की सीधी भर्ती के कुल 1364 पदों में अनारक्षित श्रेणी के 1002 पदों, अनुसूचित जाति श्रेणी के 362 पदों, अनुसूचित जनजाति श्रेणी के शून्य पदों एवं अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के शून्य पदों का विवरण अंकित है।