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सरकार भारत में एलईडी को जीवनशैली का हिस्‍सा बनाने के लिए प्रतिबद्ध : श्री पीयूष गोयल

देश-विदेश

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय विद्युत, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार एलईडी लाइट को भारत में जीवन शैली का हिस्‍सा बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 22 जुलाई, 2015 को यहां ”बिजनेस ऑफ लाइटिंग ” पर सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि सरकार का लक्ष्‍य देश में अगले तीन वर्षों के भीतर सभी इन्‍कन्‍डेसन्‍ट बल्‍बों को बदलते हुए उनके स्‍थान पर एलईडी लाइट्स लगाना है। इससे लाइटिंग (प्रकाश व्‍यवस्‍था) उद्योग को कारोबार का विशाल अवसर प्राप्‍त होगा। श्री गोयल ने आशा व्‍यक्‍त की कि अगले तीन वर्षों में भारत एलईडी बाजार का तेजी से विस्‍तार कर सकता है।

      समस्‍त लाइटिंग बिरादरी से एलईडी के बाजार मूल्‍य में सुधार लाने का अनुरोध करते हुए श्री गोयल ने कहा कि ऐसी अनियमितता की स्थिति नहीं रहने दी जा सकती, जहां सरकार एलईडी बल्‍ब को मात्र 72 रूपये/यूनिट में प्राप्‍त करे और बाजार इसके निरंतर ऊंचे दाम लगाता रहे। यह खामी अब तक अनुचित रूप से काफी बड़ी मालूम पड़ती हैं। श्री गोयल ने कहा कि इस खामी को दुरुस्‍त करने से उन्‍हें उत्‍पादन की मात्रा बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि सरकार देश में एलईडी कार्यक्रम को प्रोत्‍साहन देकर इस उद्योग को बढ़ावा देने और प्रत्‍येक घर तक पहुंच बनाने में सहायता दे रही है। उन्‍होंने कहा कि सरकार कम दामों पर प्रत्‍येक घर को एलईडी बल्‍ब उपलब्‍ध कराने में सक्षम है, लेकिन ऐसा करने से इस उद्योग से प्रतिस्‍पर्धा समाप्‍त हो जाएगी। श्री गोयल ने कहा कि आखिर में बाजार की शक्तियों को ही भार ग्रहण करना होगा।

      गुणवत्‍तापूर्ण एलईडी उत्‍पादों की उपलब्‍धता सुनिश्चित कराने के प्रश्‍न पर श्री गोयल ने लाइटिंग बिरादरी से भारतीय बाजार में आ रहे खराब गुणवत्‍ता वाले उत्‍पादों का खुलासा करने  की अपील की। श्री गोयल ने उनसे अनुरोध किया कि वे देश में आयातित उत्‍पादों के लिए गुणवत्‍ता संबंधी मापदंड स्‍थापित करने में सहायता करें। उन्‍होंने जोर देकर कहा कि आखिरकार उद्योग के भीतर आत्‍म नियंत्रण से ही राष्‍ट्र को जाली उत्‍पादों से बचाया जा सकेगा, अन्‍यथा इन्‍कन्‍डेसन्‍ट बल्‍बों को बदलने का प्रोत्‍साहन जाता रहेगा। श्री गोयल ने कहा कि एलईडी से संबंधित उत्‍पादों में और ज्‍यादा नवाचार की गुंजाइश है। उन्‍होंने कहा कि सरकार इस उद्योग में नवाचार के लिए अनुसंधान एवं विकास को सहायता देने की इच्‍छुक है। सोलर एलईडी स्‍ट्रीट  लाइट्स इस उद्योग का भविष्‍य है और यह देश के दूर-दराज के इलाकों में कारोबार के अकल्‍पनीय अवसर उपलब्‍ध करा सकती हैं। उन्‍होंने कामना की कि भारतीय उद्योग जगत सिर्फ कल-पुर्जे जोड़ने का काम ही नहीं करेगा, बल्कि एलईडी लाइट्स का निर्माण करना भी प्रारंभ करेगा।

      इस अवसर पर श्री गोयल ने एनर्जी एफिशें‍सी सर्विसिज लिमिटेड द्वारा संचालित 100 सिटी डोमेस्टिक लाइटिंग प्रोग्राम- डीईएलपी के अंतर्गत एलईडी वितरण कार्यक्रम की निरंतर निगरानी के लिए नेशनल डीईएलपी डैशबोर्ड को भी प्रारंभ किया।

     नेशनल डीईएलपी डैशबोर्ड-महत्‍वपूर्ण जानकारी

      नेशनल डीईएलपी डैशबोर्ड एक एकीकृत, वास्‍तविक और वेब-आधारित डैशबोर्ड है, जो राष्‍ट्रीय स्‍तर पर वितरित एलईडी की संख्‍या को 15 सेकैंड के अंतराल पर गतिशीलता के साथ वास्‍तविक समय में नित नए रूप में प्रदर्शित करता है। यह आंकड़ा जिन राज्‍यों में डीईएलपी जारी है, वहां से वास्‍तविक समय में प्राप्‍त जानकारी को जोड़कर प्राप्‍त किया जाता है।

      नेशनल डैशबोर्ड, डीईएलपी राज्‍य की स्थिति भी प्रस्‍तुत करता है-यूजर को भारत के मानचित्र पर राज्‍यवार डीईएलपी संख्‍या देखने का अवसर प्रदान करता है, इस प्रकार यह प्रत्‍येक राज्‍य के स्‍तर पर वितरित होने वाले एलईडी की संख्‍या को हर 15 सेकैंड के अंतराल पर प्रस्‍तुत करता है। सिर्फ वही राज्‍य हाईलाइट होंगे, जहां डीईएलपी जारी है।

      ये वास्‍तविक निरंतर निगरानी है, जिसे प्रत्‍येक डीईएलपी कीऑस्‍क यानी एलईडी का वितरण सुगम बनाने के लिए शहर भर में लगाए गए बूथ- पर हुए प्रत्‍येक एलईडी लेन-देन को वास्‍तविक इलेक्‍ट्रोनिक रिकॉर्डिंग के जरिए प्राप्‍त किया जाता है। कीऑस्‍क स्‍तर के आंकड़े शहर स्‍तर पर संकलित किये जाते हैं, जिन्‍हें फिर राज्‍य स्‍तर पर संकलित किया जाता है। राज्‍य स्‍तरीय आंकड़ों को जोड़कर नेशनल एनईएलपी संख्‍या को केन्‍द्रीयकृत वेब-आधारित प्रणाली के माध्‍यम से प्रदर्शित किया जाता है।

      नेशनल डीईएलपी डैशबोर्ड का लिंक निम्‍नलिखित है : http://delp.cruxbytes.com/forms/national-delp-dashboard.aspx

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