नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने कहा है कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए शीर्ष स्तर पर प्रतिबद्धता है। श्री नड्डा आज नई दिल्ली में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा स्वास्थ्य और प्रतिरक्षण पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। श्री नड्डा ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन(एनएचएम) में शामिल राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन(एनआरएचएम) तथा राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन(एनयूएचएम) का लक्ष्य पहुंच संपन्न्, किफायती, दायित्वपूर्ण, कारगर प्राथमिक सेवास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है , विशेषकर देश की ग्रामीण आबादी को । इसमें गरीब तथा कमजोर वर्गों पर जोर होता है। इसमें गर्भवती महिलाओं, बच्चों तथा संक्रमणकारी और गैर-संक्रमणकारी रोगों की आवश्कताओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को रोकना राष्ट्रीय प्राथमिक मिशन का प्रमुख लक्ष्य है । शिशु मृत्यु दर को रोकने में तेजी से प्रगति हुई है। 5 वर्ष के कम आयु के शिशुओं की मृत्यु दर 1990 में प्रति 1,000 जन्मों में 126 थी जो 2013 में कम होकर प्रति एक हजार जन्मों में 49 रह गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मिशन इंध्रधनुष नियमित रूप से टीका नहीं लगवाने वाले बच्चों में प्रतिरक्षण अंतर को पाटने में सफल रहा है। तीन राउंड पूरे हो चुके हैं और चौथा राउंड 7 जुलाई से शुरु होगा। उन्होंने कहा कि 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु दर को रोकने का सबसे कारगर तरीका प्रतिरक्षण है। उन्होंने कहा कि अब तक संपन्न प्रतिरक्षण राउंड में 56.6 लाख बच्चों को को टीके लगाए गए हैं और 14.4 लाख बच्चों को सभी टीके लगा दिए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने निजी क्षेत्रों से कहा कि वे सरकारी प्रयासों के पूरक के रूप में किफायती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में भागीदारी निभाएं।
इस मौके पर स्वास्थ्य क्षेत्र पर सीआईआई समिति के अध्यक्ष डा. नरेश त्रेहन , गोदरेज एण्ड ब्याएस के प्रबंध निदेशक श्री जमशेद गोदरेज तथा कैलिर्फोनिया विश्वविद्यालय , बर्कले के प्रो. रेकजार्ड फीचेम भी उपस्थित थे।