केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज रांची में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई जाने वाली अमर शहीद भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में भाग लिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा स्मृति उद्यान सह स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन किया। इस अवसर पर रांची में आयोजित समारोह में श्री किशन रेड्डी झारखंड के राज्यपाल और मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री श्री अर्जुन मुंडा के साथ मौजूद थे।
बाद में, श्री रेड्डी ने जनजातीय समुदायों की संस्कृति और विरासत को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने प्राचीन सेंट्रल जेल का दौरा किया, जहां भगवान बिरसा मुंडा ने अपने जीवन का बलिदान दिया था। श्री रेड्डी ने कहा, “ यह राष्ट्र और जनजातीय समुदायों के लिए उनके द्वारा दिए गए बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि होगा। जनजातीय संस्कृति और इतिहास के संरक्षण और प्रोत्साहन की दिशा में यह संग्रहालय बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह अपने वनों, भूमि अधिकारों, अपनी संस्कृति की रक्षा के लिए जनजातीयों के संघर्ष को भी प्रदर्शित करेगा तथा दर्शाएगा कि राष्ट्र निर्माण के लिए उनका साहस और बलिदान अत्यावश्यक था। ”
श्री रेड्डी ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्म स्थान झारखंड के खूंटी जिले के उलिहातू का दौरा किया और उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। यहां पहुंचने पर उनका परम्परागत स्वागत किया गया।
श्री रेड्डी ने भगवान के परिजनों के साथ बातचीत के बाद उनके पांव धोकर उन्हें सम्मानित किया।
विविध हितधारकों के साथ बातचीत करते हुए श्री जी. किशन रेड्डी ने जनजातीय समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सरकार की ओर से किए गए उपायों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने इस असंतुलन को बजट के प्रावधानों में दूर किया और वर्ष के लिए 7524.87 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की, जो वर्ष 2013-14 के बजट में किए गए आवंटन से दोगुनी है । जनजातीय समुदायों के ज्यादा से ज्यादा 8 सदस्य केंद्रीय मंत्रिपरिषद का भाग हैं, जो अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व है। ”
कार्यक्रम में झारखंड के राज्यपाल श्री रमेश बैस, झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुंडा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, अन्नपूर्णा देवी, रघुवर दास, झारखंड सरकार के अन्य मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य अधिकारी भी शामिल थे।