देहरादून: पुराना जेल परिसर देहरादून में लगभग 206 करोड़ रू0 की धनराशि से निर्मित होने वाले जिला न्यायालय भवन के निर्माण हेतु भूमि पूजन/शिलान्यास आज माननीय मंत्री,
विधि एवं न्याय विभाग उत्तराखण्ड सरकार श्री दिनेश अग्रवाल द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उन्होने कहा कि भवन निर्माण कार्य हेतु 24 महीने निर्धारित किये गये है। उन्होने कार्यदायी संस्था नेशनल बिल्डिंग कन्सट्रक्शन कार्पोरेशन लि0 के अधिकारियों को युद्धस्तर पर कार्य करते हुए निर्धारित समय के भीतर जिला न्यायालय के भवन निर्माण कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिये। अधिवक्ताओं द्वारा भवन स्थल पर अपने चैम्बर हेतु भूमि व्यवस्था करने की मांग पर माननीय मंत्री से की गयी, जिस पर उन्होने अधिवक्ताओं से प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करने को कहा। उन्होने अधिवक्ताओं को आश्वासन दिया कि न्यायालय भवन परिसर के समीप जो खाली भूमि है, उसे अधिवक्ताओं के चैम्बर हेतु आंवटित करने के लिए शासन को लिखा जायेगा।
जिला न्यायालय भवन के निर्माण कार्य का शुभारम्भ कार्यदायी संस्था द्वारा आज प्रारम्भ कर दिया गया। शासन की ओर से इस हेतु बजट की व्यवस्था की गयी है, जिसमें केन्द्र सरकार की ओर से 75 प्रतिशत अंश मिलना है।
मा0 विधि एवं न्याय मंत्री श्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने इस हेतु न्याय विभाग को पूर्व में 15 करोड़ रूपये का बजट पहले निर्गत किया था और उसके खर्च न हो पाने के बावजूद विधानसभा के अनुपूरक बजट सत्र में भी उन्होंने विशेष प्रयास करके इस हेतु धनराशि आवंटित करायी है और वह चाहते हैं कि उक्त धनराशि प्रयोग होकर कार्य प्रारम्भ हो ताकि केन्द्र सरकार से उक्त धनराशि की प्रतिपूर्ति कराकर आगामी बजट में पुनः व्यवस्था करके मा0 उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित समय सीमा में इसका निर्माण पूरा कराया जा सके।
विदित है कि 24 माह में निर्माण एजेन्सी को कार्य पूर्ण करना है इस हेतु निर्माण एजेन्सी को मा0 न्याय एवं विधि मंत्री, जो कि जिला बार एसोसियेशन में कई बार उसके अध्यक्ष भी रहे हैं, ने न्याय विभाग की आवश्यकता और वादकारियों के हितों को और मा0 उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन कराने हेतु, अपनी ओर से प्रयास करते हुए निर्माण एजेन्सी पर लगातार इस बावत दबाव डाला कि वह कार्य बिना किसी देरी से तुरन्त प्रारम्भ करे। जिस पर निर्माण एजेन्सी ने जल्दी कार्य प्रारम्भ करने का उन्हें आश्वासन दिया था। विधि एवं न्याय मंत्री ने निर्माण एजेन्सी को यह भी निर्देश दिया कि वह मा0 उच्च न्यायालय एवं न्याय विभाग के निर्देशों का अनुपालन करते हुए, समय सीमा के अन्दर गुणवत्ता बनाये रखते हुए अविलम्ब उक्त निर्माण को पूर्ण कराये ताकि न्याय विभाग और प्रदेश की वादकारी जनता तथा अधिवक्तागण उक्त सुविधा से लाभान्वित हो सके और समय सीमा के अन्दर केन्द्र से मिलने वाली सहायता प्राप्त कर, एक अच्छे न्याय भवन की व्यवस्था की जा सके।
ज्ञातव्य है कि उक्त भवन का शिलान्यास 02 वर्ष पूर्व दिनांक 20.10.2013 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश स्व0 श्री बारिन घोष, तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा, एवं वर्तमान में मा0 उच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीश श्री वी0के0 बिष्ट के कर कमलों द्वारा किया गया था।