देहरादून: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री उत्तराखण्ड सरकार सुरेन्द्र सिंह नेगी ने आज विधान सभा स्थित कार्यालय कक्ष में स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं एवं प्रकरणों के संचालन की समीक्षा बैठक की।
बैठक में उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि डेंगू मच्छर के डंक से निपटने की दिशा में कारगर कदम उठाये जायें। डेंगू से बचाव के लिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, उन्होंने कहा कि जनसामान्य को चाहिए कि अपने निवास स्थान एवं आस-पास कूड़े एवं पानी का जमाव न होने दें। यदि इस जमाव को समाप्त नहीं किया जा सकता है तो जमे हुए पानी पर कैरोसिन तेल/चूना/ब्लीचिंग पाउडर फिनाईल तथा कीटनाशकों का छिड़काव किया जाये। घरों में गमलों, पुरानी समग्री कूलर तथा ए.सी. में भी जल जमाव न होने दें तथा इनकी लगातार सफाई करते रहें। जल पात्रों एवं टैंक को ढक कर रखें। बुखार की दशा में अविलम्ब चिकित्सकीय परामर्श भी प्राप्त करें।
उन्होंने कहा कि कुछ मरीज आये हैं, जितनी हवा डेंगू की फैलायी गयी है उतनी है नहीं। उन्होंने कहा कि डेंगू से निपटने के लिये 11 विभागों को सामजस्य से काम करने के निर्देश दिये जा चुके हैं। जिनमें नगर निगम, एम.डी.डी.ए.,पी.डब्ल्यू.डी., आदि प्रमुख हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्वयं सेवी संस्थाओं को भी इसमंे जोड़ने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश के प्रत्येक जिले को हाई-अलर्ट किया गया है तथा सी.एम.ओ. की अध्यक्षता मंे अलर्ट टीम भी बनायी गयी है, जो छिड़काव एवं फागिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करवायेगी उन्होंने डेंगू के लारवा को समाप्त करने की हिदायत भी अधिकारियों को दी। उन्होंने कहा कि राजकीय चिकित्सालयों में ब्लड प्लेटलेटस की पर्याप्त आवश्यकता है, जिसे आवश्यक होने पर रोगियों को दी जाये। उन्होंने यह भी कहा कि राजकीय दून मैडिकल चिकित्सालय मे डेंगू मरीजों के लिये आक्समिक चिकित्सा विभाग के वार्ड के अतिरिक्त 20 बैड का आइसालेशन वार्ड स्थापित किया गया है जहां आवश्यक उपचार की सुविधा उपलब्ध है।
बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की जानकारी लेते हुए कहा कि यह अति महत्वाकाक्षी योजना है, जिसकी शुरूआत मा0 मुख्यमंत्री द्वारा 1 अगस्त, 2016 से की जा रही है। इस योजना के शुरू होने से उत्तराखण्ड की काफी आबादी लाभान्वित होगी। उक्त योजना को माह अप्रैल से शुरू किया जाना था परन्तु किन्ही कारणों से उस वक्त योजना का शुभारम्भ नही किया जा सका, अब उक्त योजना के लागू होने से तमाम लोगों को लाभ मिलेगा जो व्यक्ति इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आता।
बैठक में अपर सचिव स्वास्थ्य ने अवगत कराया कि उक्त योजना के 8 लाख 25 हजार कार्ड बन चुके हैं तथा कई लाभार्थियों को कार्ड का वितरण किया जा चुका है इस पर मंत्री जी ने बैठक में कहा कि जिन लोगों के किसी वजह से कार्ड नहीं बने हैं या उन्हें प्राप्त नहीं हुए हैं वह नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र एवं आशा कार्यकत्री से सम्पर्क करें। उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चिकित्सा सुविधा प्राप्त कराने हेतु शीघ्र ही चिकित्सालयों का इन्रोलमैन्ट एवं इमपेन्लमेन्ट(सूचीबद्धता) कर लिया जाये कि किस बीमारी या ईलाज के लिये रोगियों को कहां रैफर कर ईलाज करवाया जाना है। इस कार्य को शीघ्रता से पूर्ण करते हुए इसमें व्यापक प्रचार-प्रसार भी कराया जाये।
बैठक में उन्होंने चार धाम यात्रा की जानकारी लेते हुए कहा कि वर्षा में अब यात्रा कम हो गयी है। वहाॅ डाॅ0 की तैनाती को कम किया जाये, तथा उन्हें जहाॅं उनकी तैनाती है वहाॅं पोस्ट किया जाये। जिससे चिकित्सा सुविधा सुचारू रूप से चल सके और हेमकुण्ड साहिब में यात्री अभी आ रहे हैं। वहाॅ डाॅ0 को तैनात रखा जाये। उक्त निर्देश महानिदेशक स्वास्थ्य का दिये।
बैठक में उन्होंने स्क्रीनिंग कैम्प हेतु हंस फाउण्डेशन के डाॅ0 लेने के लिए निर्देशित किया उन्होंने सी0एम0ओ0 को रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिये।
बैठक में उन्होंने ड्रग इंसपेक्टरों के पदों के सृजन हेतु कैबिनेट के लिये प्रस्ताव बनाने के लिए सचिव स्वास्थ्य को निर्देशित किया।
बैठक में सचिव स्वास्थ्य डाॅ0 भूपेन्द्र कौर औलख, अपर सचिव स्वास्थ्य नीरज खैरवाल, संयुक्त सचिव स्वास्थ्य अतर सिंह, महानिदेशक स्वास्थ्य डाॅ0 कुसुम नरियाल एवं जे.सी. पाण्डेय आई.ई.सी. अधिकारी मौजूद थे।