नई दिल्ली: “भारत की जनसंख्या उसका एक बड़ा मानव संसाधन बल है। दुनिया के किसी भी देश की तुलना में भारत को इसका सबसे ज्यादा लाभ मिला है। देश की 60 प्रतिशत से ज्यादा युवा आबादी कामकाजी उम्र की है। केन्द्रीय रसायन और उर्वरक तथा सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी राज्य मंत्री श्री मनसुख लाल मंडाविया ने आज एक बयान में यह बात कही।
श्री मंडाविया ने कहा कि निकट भविष्य में भारतीय अर्थव्यवस्था के ज्यादातर क्षेत्रों को मौजूदा समय से कहीं और ज्यादा कुशल कार्यबल की आवश्यकता होगी। ऐसे में अर्थव्यवस्था के सतत विकास के वास्ते अपने कार्यबल को और ज्यादा कुशल और ज्ञान सम्पन्न बनाना देश के लिए एक अवसर और चुनौती दोनों होंगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसी बात को ध्यान में रखते हुए स्किल इंडिया अभियान को एक मिशन के रूप में लिया है और इसके माध्यम से देश के युवाओँ का कौशल विकास और मानव संसाधन बल का सर्वाधिक इस्तेमाल सुनिश्चित किया है।
श्री मंडाविया ने इस संदर्भ में कहा कि उनके मंत्रालय के रसायन और पैट्रोकैमिकल विभाग ने प्लास्टिक इंजिनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी संस्थान के माध्यम से कुछ खास क्षेत्रों में दक्ष कार्यबल तैयार करने में काफी प्रगति की है और देशभर में भारतीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए हैं।
उन्होंने बताया कि 2014 के बाद से देशभर में सीआईपीईटी केन्द्रों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। ऐसे केन्द्रों की संख्या अब 23 से बढ़कर 39 हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सीआईपीईटी, प्लास्टिक इंजिनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में लघु और दीर्घअवधि के पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। इसमें स्नात्कोत्तर और स्नातक स्तर से नीचे के डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। पिछले 4 वर्षों में सीआईपीईटी ने करीब 6.4 लाख युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया है और इनमें से करीब 5.8 लाख को प्लास्टिक और उससे जुड़े उद्योगों में रोजगार उपलब्ध कराए हैं।