नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकवाद का कोई भी धर्म नहीं है फिर भी कुछ लोग इन दोनों को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। भारत को दुनिया के लिए “सहिष्णुता के विश्वविद्यालय” का नाम देते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मतों में मतभेद हो सकते हैं जिन्हें वार्ता की मेज पर बातचीत के द्वारा हल किया जा सकता है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि असंतुष्ट बातचीत के बजाय बंदूक उठा लें। आज यहां राष्ट्रीय ईसाई नेताओं के सम्मेलन को संबोधित करते श्री राजनाथ सिंह ने कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को राजनैतिक का एक औजार बनाने की नीति निन्दा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यहां धर्म के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं किया जाएगा। श्री राजनाथ सिंह ने इस बात को दोहराया कि भारत इतिहास के दौरान विश्व के सभी प्रमुख धर्मों का संगम रहा है। केंद्र सरकार शरारती तत्वों और अफवाह फैलाने पर नजर रखेगी और देश में लगातार कानून का शासन बनाए रखेगी।